रीवा। अतरैला स्थित गुरगुदा गांव में टमस नदी में हुए नाव हादसे में गोताखोरों की टीम ने 3 नाबालिगों का शव नदी से बरामद किया है. लापता युवकों की तलाश के लिए जबलपुर से स्पेशल गोताखोरों की टीम बुलाई गई थी. हादसे में मृतकों के परिजनों को रीवा कलेक्टर ने 4-4 लाख रुपये की सहायता राशि देने की बात कही है.
एक शव बरामद 2 लापता: जिले के भडरा गुरगुदा गांव में बुधवार की दोपहर बड़ा हादसा हुआ था. नाव में सवार होकर पांच युवक एक गांव से दूसरे गांव जा रहे थे. नाव को 15 वर्ष का एक लड़का चला रहा था. नाव जैसे ही नदी के बीच पहुंची उसका संतुलन बिगड़ गया और नदी में पलट गई. टमस नदी में नाव पलटने से नाविक सहित 5 लोग डूब गए थे. इसके बाद नाविक और एक अन्य व्यक्ति ने तैर कर अपनी जान बचा ली, लेकिन नाव में सवार तीन अन्य युवक लापता थे. हादसे की जानकारी जब स्थानीय लोगों लगते ही घटना की सूचना पुलिस को दी गई. घटना स्थल पर पहुंची पुलिस और स्थानीय गोताखोरों की मदद से रेस्क्यू अभियान चलाया. गुरुवार के दिन गोताखोरों ने तीनों नाबालिग का शव नदी से बरामद कर लिया है.
एमपी में रीवा की टमस नदी में बड़ा हादसा, नाव पलटने से 5 लोग डूबे
गांव जाने के दो ही रास्ते: गुरगुदा गांव जाने के दो ही मार्ग हैं पहला मार्ग जंगल के रास्ते होते हुए 40 किलोमीटर का सफर तय कर के जाना पड़ता है, जहां जंगली जानवरों के अलावा बादमाशों का खतरा भी बना रहता है. दूसरा नदी का रास्ता है जो की काफी जोखिम भरा है. यहां पर छोटी नावों के सहारे ही अपनी जान जोखिम में डालकर लोग खतरनाक और गहरी टमस नदी को पार कर के उसपार पहुंचते हैं. तीनों भाईयों ने भी नजदीक होने के चलते टमस नदी से नाव के सहारे गुरगुदा गांव जाने का रास्ता चुना.
Boat Capsized: रीवा की टमस नदी में बड़ा हादसा: नाव पलटने से 5 लोग डूबे, दो ने तैरकर बचाई जान, 3 अब भी लापता
आजादी के 75 वर्ष बाद भी नहीं बन सका पुल: आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी अतरैला में टमस नदी को पार कर गुरगुदा गांव पहुंचने के लिए पुल का निर्माण नहीं हो सका. गुरगुदा गांव में अगर कोई व्यक्ति बीमार होता है तो उस मरीज को भी छोटी नावों के जरिये नदी पार कराकर दूसरे गांव इलाज के लिए लाना पड़ता है. तब कहीं जाकर मरीज एम्बुलेंस के सहारे अस्पताल पहुंच पाता है. गुरगुदा गांव पहुंचने के लिए जंगल के रास्ते से होते हुए सड़क मार्ग तो है, लेकिन काफी जर्जर हालत में होने के साथ ही तकरीबन 40 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. यही वजह है की लोग मजबूरन अपनी जान को जोखिम में डालकर टमस नदी पार करते हैं.