भोपाल।हिंदू धर्म में मंगलवार और शनिवार का विशेष महत्व है. मंगलवार का दिन हनुमान जी (Worship Lord Hanuman) का दिन माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन बजरंगबली (Bajrangbali) की पूजा करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. यही कारण है कि हनुमानजी को संकटमोचन भी कहा जाता है. घर,परिवार पर विशेष कृपा बरसती है. साथ ही महाबली हनुमान जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. यही नहीं, अगर किसी जातक पर शनि (Shani Dev) की साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही है, तो हनुमानजी की पूजा (lord shri hanuman ji puja vrat) करने की सलाह दी जाती है.
मंगलवार और शनिवार के दिन भगवान बजरंगबली की पूजा करने से सभी प्रकार के शारीरिक कष्ट से मुक्ति मिलती है. हुनमान जी आठ चिरंजीवियों में से एक हैं. कहते हैं कि संसार में 8 लोगों को चिरंजीवी (दीर्घायु) होने का वरदान मिला हुआ है. इन्हें अष्ट चिरंजीवी कहा जाता है. शनिवार (shanivar ke upay) के दिन हनुमान जी की पूजा करने, उनकी मूर्ति पर सिंदूर लगाने, गुड़, चना और केला चढ़ाने से शनि देव जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं और दोनों देवताओं का आशीर्वाद मिलता है. धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक
अश्वत्थामा बलिव्यासो हनूमांश्च विभीषण:। कृप: परशुरामश्च सप्तएतै चिरंजीविन:॥
सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्। जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जित।।
हनुमानजी, वेदव्यास, विभीषण, राजा बलि, अश्वत्थामा, कृपाचार्य, परशुराम जी और मार्कण्डेय जी अष्टचिरंजिवी कहलाते हैं. कहा जाता है कि आज भी अदृश्य रूप में शाश्त्रों में बताये गए स्थानों पर ये सभी तपस्या कर रहे हैं.
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हनुमान जी की कथा:हनुमान जी की माता अंजनी अपने पिछले जन्म में चंचल (नटखट) थीं. एक ऋषि से अनुचित व्यवहार के फलस्वरुप उन्हें ये श्राप मिला था कि वे अगले जन्म में वानर योनि में जन्म लेंगी. माता अंजनी काफी तपस्या करती हैं तब उन्हें उक्त ऋषि आशीर्वाद देते हैं कि आप वानर योनि में एक महा पराक्रमी, सद्गुणी, बुद्धिमान, अतुलित बल के स्वामी, और तजस्वी पुत्र की माता होंगी. ऋषि के महान आशीर्वाद से चैत्र शुक्ला पूर्णिमा के दिन माता अंजनी भगवान शंकर के 11वें अवतार श्री हनुमानजी को जन्म देती हैं.
हनुमान चालीसा का करें पाठ:आज के वर्तमान युग में खासकर कोरोना काल में श्री हनुमान चालीसा एक वरदान है. सभी हनुमान भक्त (lord shri hanuman ji puja vrat) उत्तर दिशा की ओर मुख करके तुलसीदास जी के द्वारा लिखित इस महा ग्रंथ का पाठ करें. नासै रोग हरे सब पीरा। जपत निरंतर हनुमंत बीरा ।। इस दोहे का सभी हनुमान भक्त आस्था पूर्वक पाठ करें और वीर हनुमान से प्रार्थना करें कि संसार इस वक्त जिस महामारी से जूझ रहा है उससे जल्द ही सभी को छुटकारा मिले. मंगलवार के शुभ दिन श्रीराम रक्षा स्तोत्र, रामचरितमानस, श्रीहनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमाष्टक, सुंदरकांड, श्री हनुमान बाहुक का आस्था पूर्वक पाठ करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
ऐसे करें वीर हनुमान की पूजा:मंगलवार और शनिवार को सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करे. स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें. हनुमान को लाल कपड़े के आसन पर बैठाएं. श्रीहनुमान जी को लाल तिलक, लाल सिंदूर, रक्त चंदन, लाल फूल, कलावा की माला पहनाएं. शुद्ध घी के दीपक जलाएं. बजरंगबली को चना, रेवड़ी, गुड़, मगज के लड्डू का भोग लगाएं. इस विपदा काल में प्रसाद स्वरूप गुड़ चना शरीर को शक्ति देंगे. श्रीहनुमान जी संकट को टालने वाले और भय को दूर करने वाले देवता हैं, हनुमान की आराधना (lord shri hanuman ji puja vrat) से शरीर में शक्ति का संचार होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है.
इन मंत्रों का करें जाप: