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IDPS Scam : दिग्विजय ने केंद्र को पत्र लिख जांच की मांग की, बिजली विभाग के पास नहीं मिल रहा 115 करोड़ का हिसाब - दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार को लिखा पत्र

प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में बिजली विभाग की मिलीभगत से केंद्रीय योजना के लिए मिले 230 करोड़ रुपए में से 115 करोड़ रुपए का हिसाब ही विभाग के पास नहीं है. मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भारत सरकार के बिजली मंत्रालय को पत्र लिखा है.

दिग्विजय सिंह ने केंद्र को लिखा पत्र
दिग्विजय सिंह ने केंद्र को लिखा पत्र

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Published : Oct 20, 2021, 11:03 PM IST

इंदौर।पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी में पिछले दिनों आईपीडीएस (IPDS) योजना को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत की गई थी. जिसके बाद मामले में फौरन संज्ञान लिया गया, और जांच शुरू की गई. वहीं दूसरी तरफ इसपर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भारत सरकार के बिजली मंत्रालय को पत्र लिखकर पूरे मामले में जांच की मांग की है.

दिग्विजय ने केंद्र को पत्र लिख जांच की मांग की

शिकायतकर्ता अभिजीत पांडे ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय को आईपीडीएस योजना में एक बड़े घोटाले की शिकायत की थी. मामले में लगातार प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक्शन लिया, और जांच को लेकर विभिन्न अधिकारियों को नोटिस जारी किया. इसके बाद विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों ने इंदौर के तकरीबन आधा दर्जन अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए उनका अन्य जगहों पर ट्रांसफर कर दिया. लेकिन जो भी व्यक्ति इस पूरे मामले में दोषी हैं उनके खिलाफ विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

इन्हीं सब बातों को लेकर राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भारत सरकार के बिजली मंत्रालय को पत्र लिखा है. पत्र के जरिए दिग्विजय ने मामले की जांच की मांग की. उन्होंने लिखा, 'यह पूरा ही मामला काफी हाईप्रोफाइल है और इसमें जो भी दोषी अधिकारी और कर्मचारी हैं, उन पर उचित कार्रवाई की जाए और इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जाए'.

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क्या है पूरा मामला ?

विद्युत वितरण कंपनी में इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम (आईपीडीएस) योजना के तहत बड़े घोटाले सामने आ रहा है. शिकायतकर्ता अभिजीत पांडेय ने इस संबंध में इंदौर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. इसके साथ ही शिकायतकर्ता ने ईओडब्ल्यू सहित अन्य जगहों पर भी शिकायत की है. इस मामले में जिन अधिकारियों के नाम सामने आ रहे है उनमें से कुछ अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया है.

जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत इंदौर को तकरीबन 230 करोड़ रुपए मिले थे, लेकिन अधिकायरियों के पास सिर्फ 115 करोड़ रुपए के काम का हिसाब है. बाकी बचे पैसे कहा गए इसका कोई हिसाब नहीं है. शिकायतकर्ता ने दस्तावेजों के माध्यम से इन सभी घोटालों का खुलासा किया है.

इस पूरे मामले में पिछले दिनों शिकायतकर्ता अभिषेक पांडे ने प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत की. उसके बाद वहां से नोटिस जारी हुआ. उसी के बाद से लगातार जांच के नाम पर अधिकारी पल्ला झाड़ने में लगे हुए हैं. फिलहाल दिग्विजय सिंह के पत्र लिखने के बाद इस पूरे मामले में हाई कमेटी गठित हो सकती है, जल्द ही जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई भी हो सकती है.

शिकायतकर्ता को दिए जा रहे प्रलोभन

इस मामले में शिकायतकर्ता को लगातार अलग-अलग तरह के प्रलोभन दिए जा रहे हैं. शिकायतकर्ता ने पूरे मामले को लेकर सबसे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत की. उसके बाद से इस पूरे मामले में जांच शुरू हुई है. जो भी इस पूरे मामले में दोषी अधिकारी हैं, वह लगातार शिकायतकर्ता को विभिन्न तरह की शिकायतें वापस लेने के लिए अलग-अलग तरह से प्रलोभन दे रहे हैं. जिसकी शिकायत EOW सहित अन्य जगहों पर शिकायतकर्ता ने की है.

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