इंदौर। देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रहे इजाफे के कारण ऑनलाइन फूड डिलीवरी बॉयज की हालत खराब हो गई है. ऑनलाइन फूड डिलीवरी करने वाले कई लोगों को अपनी गाड़ियां छोड़कर साइकिल संभालनी पड़ रही है. लगातार बढ़ रही पेट्रोल और डीजल की कीमतों के कारण एक और जहां उनके खर्चे बड़े हैं. कोरोना ने बाहर के खाने पर लगभग प्रतिबंध लगा दिया है . इस कारण उन्हें मिलने वाले ऑर्डर की संख्या में भी कमी आ गई है. हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि कई कंपनियों ने अपने डिलीवरी ब्वॉय की छंटनी करना भी शुरू कर दिया है.
मुश्किल में खाना पहुंचाने वालों की रोजी रोटी
अकेले इंदौर शहर में लगभग 5000 ऐसे लोग हैं जो ऑनलाइन खाना घर पहुंचा कर अपनी रोजी-रोटी का इंतजाम कर रहे हैं. लगातार बढ़ रहे पेट्रोल के दामों के कारण इन डिलीवरी ब्वॉय की आमदनी आधी हो गई है. जिसके कारण इन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि बीच में कुछ फूड कंपनियों ने अपने डिलीवरी ब्वॉय की पगार बढ़ाने का फैसला किया था, लेकिन पेट्रोल डीजल के लगातार बढ़ते दामों ने बढ़ी हुई सैलरी पर भी इसका असर डाल दिया.
भारी पड़ रहा है खाना पहुंचाना
ऑनलाइन डिलीवरी बॉय को प्रति चार किलोमीटर पर कंपनी कमीशन देती है, लेकिन डिलीवरी बॉय के सामने सबसे बड़ी समस्या ये है कि जब वो खाने का आर्डर डिलीवर करने जाता है तो वापसी में उसके पास कोई आर्डर नहीं होता. ऐसे में कई बार वापसी करना डिलीवरी बॉय को महंगा पड़ जाता है. पहले औसतन हर डिलीवरी बॉय प्रतिदिन 20 से 25 ऑर्डर डिलीवर कर 20 से 25 हज़ार महीना कमा कर लेता था. कोरोना काल में ऑर्डरो की संख्या घटने के कारण डिलीवरी बॉय को कमीशन मिलना कम हो गया है. इनकी इनकम 8 से 10 हज़ार तक सिमट गई है.