ग्वालियर। कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर पानी की समस्या से रूबरू होने के लिए एक बार फिर लोगों के बीच में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने लोगों के घरों से पानी के सैंपल कलेक्ट किए. नलों से गंदा पानी आने के चलते मंत्री को लोगों की नाराजगी भी झेलनी पड़ी. उन्होंने गंदे पानी की सप्लाई पर नगर निगम और पीएचई के अमले को फटकार लगाते हुए कहा कि जो ग्वालियर के लोगों को गंदा पानी सप्लाई करेगा वो ग्वालियर में नहीं रहेगा.
मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की अधिकारियों को दो टूक, जो गंदा पानी सप्लाई करेगा वह ग्वालियर में नहीं रहेगा - ग्वालियर
भोपाल से मंगलवार सुबह ग्वालियर पहुंचे खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ग्वालियर में पानी सप्लाई की जांच की. इस दौरान नलों से गंदा पानी आने के चलते उन्हें लोगों की नाराजगी भी झेलनी पड़ी. जांच के बाद मंत्री ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि जो लोगों को गंदा पानी सप्लाई करेगा वो ग्वालियर में नहीं रहेगा.
भोपाल से मंगलवार सुबह ग्वालियर पहुंचे खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर सबसे पहले महल गांव के तंग इलाके में पहुंचे, जहां पिछले डेढ़ महीने से गंदा पानी सप्लाई हो रहा है. उन्होंने लोगों के घर जाकर पानी के सैंपल खुद चेक किए इस दौरान उनके साथ निगम कमिश्नर और पीएचई के अधिकारी मौजूद थे. गंदे पानी की सप्लाई से परेशान लोगों ने मंत्री से अपनी नाराजगी का इजहार किया. जिसके बाद मंत्री ने पीएचई के सहायक यंत्री को सस्पेंड करने के भी निर्देश दिए.
शहर में गंदे पानी की सप्लाई पर मंत्री ने कहा कि बीजेपी की सरकार के समय उन्होंने आंदोलन चलाया था. उनका कहना है कि स्वच्छ पानी हर आदमी का हक है यदि पीएचई अथवा निगम के अमले की लापरवाही से लोगों को साफ पानी पीने को नहीं मिल रहा है तो यह गंभीर बात है. उन्होंने इसके लिए कमिश्नर से कहा है कि वे खुद इस ओर ध्यान दें और साफ पानी सप्लाई का इंतजाम करें. मंत्री तोमर ने कहा कि क्षेत्र की समस्या से अनजान रहने वाले मैदानी अमले को हटाया जाए और उनकी जगह काम करने वाले लोगों को मौका दिया जाए.