छिंदवाड़ा। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) को एक पत्र लिखकर कहा कि, मध्य प्रदेश के आरटीओ चेक पोस्ट पर अवैध वसूली की जा रही है. (MP RTO Check Post Illegal Recovery) इसकी वजह से ट्रक ड्राइवर और मालिकों को परेशानी हो रही है. इस पर रोक लगाइये, क्योंकि इससे मध्यप्रदेश का नाम खराब हो रहा है. छिंदवाड़ा और महाराष्ट्र के नागपुर बॉर्डर (Nagpur border of Maharashtra) पर बने आरटीओ चेक-पोस्ट का जायजा लिया ईटीवी भारत के संवाददाता ने.
RTO चेक-पोस्ट पर होती है अवैध वसूली कैमरे में कैद हुई रिश्वतखोरी: नितिन गड़करी द्वारा लिखे गए पत्र के बाद ईटीवी भारत ने छिंदवाड़ा के राजना में बने आरटीओ चेक-पोस्ट का रियलिटी चेक किया. इस दौरान 10 से अधिक ट्रक ड्राइवरों से बात की गई. ट्रक ड्राइवरों ने साफ कहा कि वह सभी नियमों के तहत ट्रक का चलाते हैं. इसके बाद भी आरटीओ चेक-पोस्ट पर उनसे 400 से लेकर 700 और 800 रुपए तक हर ट्रिप में लिया जाता है. इसकी ना तो कोई रसीद दी जाती है और ना ही कोई कारण बताया जाता है. इतना ही नहीं आरटीओ चेक-पोस्ट में ट्रक ड्राइवर कंडक्टर से नगद पैसे लेते हैं. आरटीओ चेक-पोस्ट के कर्मचारी ईटीवी भारत के कैमरे में कैद भी हो गए हैं.
एमपी के इतने चेक-पोस्ट पर वसूली:ट्रक ड्राइवर और कंडक्टर ने बताया कि सिर्फ छिंदवाड़ा और महाराष्ट्र के चेक पोस्ट पर ही नहीं, मध्य प्रदेश की सीमा से दूसरे राज्यों के जो भी चेक-पोस्ट हैं. वहां उनसे ऐसे ही अवैध वसूली की जाती है. अगर वह पैसे ना दें तो बेवजह परेशान किया जाता है या फिर ट्रक को खड़ा करा लिया जाता है. इसी कारण से पैसे देकर चेक-पोस्ट को क्रॉस करते हैं.
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नितिन गडकरी ने अपने खत में लिखा था:केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गड़करी की तरफ से लिखा गया कि, मध्य प्रदेश के आरटीओ अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा चेक पोस्ट एंट्री के लिए बड़े पैमाने पर रिश्वतखोरी हो रही है. गाड़ी के सारे कागजात सही होने और अंडरलोड पाए जाने पर किसी भी प्रकार की इंट्री भरने का प्रावधान नहीं है. इसके बाद भी ट्रक ड्राइवर्स और मालिकों को तंग किया जा रहा है. गडकरी ने इसी पत्र में आगे लिखा है कि इसके पहले भी इस विषय पर ध्यान दिलाया गया था, लेकिन इस समस्या का कोई हल नहीं निकाला गया है. अब मध्य प्रदेश का नाम खराब हो रहा है. केंद्रीय मंत्री ने इस खत के जरिए सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई है.