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BJP के 'आदिवासी ढोल' की खुली पोल: MP में आदिवासी क्षेत्रों में बढ़ी गरीबी , नीति आयोग की रिपोर्ट से सकते में शिवराज सरकार

नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट ने बीजेपी सरकार को आईना दिखा दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक एमपी में आदिवासी क्षेत्रों में गरीबी बढ़ी है. जबकि शिवराज सरकार दावा करती है कि उनसे आदिवासियों के कल्याण का काम (mp 4th most poor state )सबसे ज्यादा किया है. 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले इस (niti aayog report in 6 tribal-districts mp )रिपोर्ट ने सरकार की नींद उड़ा दी है.

niti aayog report in 6 tribal districts mp
BJP के 'आदिवासी ढोल' की खुली पोल

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Published : Dec 3, 2021, 6:33 PM IST

इंदौर। गरीबी इंडेक्स पर नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट ने शिवराज सरकार को मुश्किल में डाल दिया है. MPI 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक देश में सबसे गरीब राज्यों में मध्य प्रदेश चौथे नंबर पर है. इनमें भी आदिवासी जिले सबसे ज्यादा गरीब हैं. जिनका हितैषी होने का बीजेपी ढोल पीटती रहती है.

आदिवासियों को लुभाने में लगी सरकार, फिर भी आदिवासी रहे गरीब के गरीब

आदिवासियों को लुभाने में लगी सरकार !

वनवासी समाज के अमर क्रांतिकारी टंट्या मामा की पुण्यतिथि पर इंदौर में (poor states of india 2021 )भव्य बलिदान दिवस का आयोजन किया जा रहा है.इसमें करीब एक लाख वनवासी अंचल के लोगों के पहुंचने का अनुमान है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत अंचल के तमाम मंत्रियों और आदिवासी प्रतिनिधियों की मौजूदगी में आयोजित इस कार्यक्रम में आदिवासी कल्याण से जुड़े तमाम कार्यक्रम (bjp adiwasi politics niti ayog report 2021)और योजनाओं का लाभ वनवासी अंचल के लोगों तक कैसे पहुंचे, इसे लेकर सरकार नए सिरे से पहल करने जा रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शहीद टंट्या मामा की प्रतिमा का शिलान्यास पातालपानी स्थित उनके कर्म स्थल पर करेंगे.

चुनाव 2023 से पहले नीति आयोग की रिपोर्ट से सकते में सरकार, आदिवासी क्षेत्रों में बढ़ी गरीबी

टंट्या मामाल के नाम पर होंगे पातालपानी और इंदौर का भंवरकुआं चौराहा

इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आदिवासी अंचल के लोगों से सीधे बात करेंगे. मुख्यमंत्री पातालपानी का नाम टंट्या मामा के नाम पर घोषित करने के साथ ही इंदौर के भंवरकुआं चौराहे समेत ISBT बस स्टैंड का नामकरण भी टंट्या मामा के नाम पर करने की घोषणा करेंगे.

बाइट नरोत्तम मिश्रा गृहमंत्री एवं प्रभारी मंत्री इंदौर

आदिवासियों पर फोकस, 2023 पर नजर

मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार का पूरा फोकस इस समय आदिवासियों पर है. अच्छी(niti aayog report in 6 tribal-districts mp) सोच के साथ साथ इसका साफ राजनीतिक मकसद भी है. एमपी की करीब 43 सीटे आदिवासियों के वोट से हार या जीत में बदलती हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इनमें से करीब 30 सीटें जीत ली थीं. बीजेपी इस पर कांग्रेस को ये मौका नहीं देना चाहती. इसलिए प्रदेश की पूरी राजनाति इस समय आदिवासियों पर फोकस हो गई है.

BJP के 'आदिवासी ढोल' की खुली पोल, MP में आदिवासी क्षेत्रों में बढ़ी गरीबी

15 नवंबर को गौरव दिवस मनाया गया

आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की जयंती पर 15 नवंबर को देश में पहली बार जनजातीय गौरव दिवस मनाया गया. बिरसा वैसे तो पूरे आदिवासी समुदाय के आदर्श पुरुष हैं. मगर उनकी रिहाइश तलाशी जाए तो वह झारखंड के थे. 15 नवंबर को झारखंड अपना स्थापना दिवस भी मनाता है. आखिर ऐसा क्या हुआ कि आदिवासी से जुड़े गौरव दिवस के मुख्य कार्यक्रम भोपाल के जंबूरी मैदान में हुए. भारतीय जनता पार्टी ने गौरव दिवस के बहाने बिरसा मुंडा और महारानी कलावती के जरिये आदिवासी वोटरों के बीच अपनी स्थिति और मजबूत करने की तैयारी पक्की कर ली. गौरव दिवस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के करीब ढाई लाख आदिवासी शामिल हुए.

मंत्री जी के दावे अलग, गरीबी में अलीराजपुर पहले नंबर पर

आदिवासियों से प्यार सिर्फ दिखावा! और गरीब हुए आदिवासी जिले

मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार का 11 महीने का कार्यकाल छोड़ दें, तो पिछले 15 सालों से बीजेपी सत्ता में रही है. बीजेपी आदिवासियों के कल्याण का दावा करती है. लेकिन नीति आयोग की ओर से जारीबहुआयामी गरीबी सूचकांक (Multidimensional Poverty Index 2021) रिपोर्ट ने सरकार की पोल खोल दी है. इस रिपोर्ट के अनुसार देश में मध्य प्रदेश चौथे सबसे गरीब राज्य है. इसमें पहले नंबर पर बिहार (52%), दूसरे पर झारखंड (42%) और तीसरे नंबर उत्तर प्रदेश (38%) देश के सबसे गरीब राज्यों के रूप में उभरकर सामने आए हैं. सूचकांक के अनुसार एमपी (mp in list of mpi) में 37% आबादी गरीब है. मतलब प्रदेश के 2.5 करोड़ लोग गरीबी में जीवन जी रहे हैं.

गरीबी में अलीराजपुर पहले नंबर पर

अलीराजपुर में सबसे अधिक 71% की आबादी गरीब है, इसके बाद पड़ोसी झाबुआ में 69% आबादी गरीब है. बड़वानी में 62% लोग गरीब हैं. ये इलाके कुपोषण के भी शिकार हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार भारत का सबसे कम साक्षर जिला अलीराजपुर है. यह समग्र विकास के वादे के साथ 17 मई 2008 को झाबुआ से अलग कर बनाया गया था. गठन के 13 साल बाद भी यह मध्य प्रदेश का सबसे गरीब जिला है.

रिपोर्ट का आधार ये 3 मानक

MPI 2021 के तीन मानक स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर रखे गए हैं. इनमें पोषण, बाल और किशोर मृत्यु दर, प्रसवपूर्व देखभाल, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, खाना पकाने के ईंधन, स्वच्छता, पीने के 12 संकेतकों द्वारा दर्शाए जाते हैं. पानी, बिजली, आवास, संपत्ति और बैंक खाते भी इसमें शामिल हैं. रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के सभी जिलों में 40% से अधिक आबादी गरीबी की मार झेल रही है.

कांग्रेस ने घेरा बीजेपी सरकार को

MPI 2021 की रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस को एमपी सरकार पर हमला बोलने का मौका मिल गया. कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार की ये रिपोर्ट शिवराज सरकार की पोल खोल रही है. ये सरकार के लिए आईना है. बीजेपी सरकार के राज में मध्य प्रदेश में गरीबी बढ़ी है.

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