मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / city

MP Government Jobs: फ्लॉप दिखता है सरकार का हर महीने 1 लाख नौकरी देने का दावा, 4 साल में दस हजार भर्तियां

मध्य प्रदेश सरकार की घोषणा के मुताबिक हर महीने 1 लाख युवाओं को नौकरियां दिलाने का कोई सरकारी आंकड़ा नहीं है. 4 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो सरकार ने रोजगार के लिए 11 परीक्षाएं कराई हैं और 04 परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा भी सामने आया है. (MP Government Job)

शिवराज सिंह चौहान
Shivraj Singh Chauhan

By

Published : Aug 4, 2022, 6:53 AM IST

Updated : Aug 4, 2022, 6:59 AM IST

भोपाल।मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार हर महीने 1 लाख युवाओं को रोजगार मुहैया कराने की बात 15 अगस्त को कही थी. (MP Government Job) यह आंकड़ा सुनकर बेरोजगार खुश जरूर हो सकते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि पिछले 4 साल में सरकार ने सिर्फ 10 हजार 103 भर्तियां की हैं. इनमें अभी 6,000 पुलिस भर्ती पूरी नहीं हुई है. आंकड़े चौकाने वाले हैं, लेकिन यह सच्चाई सरकार द्वारा निकाली गई भर्ती परीक्षा की है. यह आंकड़े 2019 से लेकर 2022 तक के हैं. 2021 में प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग 3 ली गई. इस भर्ती में भी फर्जीवाड़ा हुआ था. इसका फैसला सरकार अभी तक नहीं ले पाई है, तो वहीं 2022 में नई भर्ती परीक्षा एक भी नहीं हुई है.

सरकार का दावा हर महीने एक लाख युवाओं को देंगे रोजगार

2010 से अब तक नहीं हुई रोस्टर समिति की बैठक:मध्यप्रदेश में 102 विभागों में रोस्टर समिति होना अनिवार्य है, लेकिन पिछले 10 सालों से रोस्टर समिति की एक भी बैठक नहीं हुई है. हर एक विभाग को यह जानकारी मुहैया करानी होती है कि, उनके विभाग ने कितनी भर्तियां निकाली और कितने पद खाली हैं. युवाओं के रोजगार को लेकर आवाज उठाने वाले महेंद्र सिंह चौहान कहते हैं कि, विभागों ने पिछले 10 से 12 सालों में रोस्टर समिति की बैठक ही नहीं की है. बीच-बीच में सरकार को भर्तियां इसलिए निकालनी पड़ती हैं कि चुनाव आते हैं और चुनाव में युवाओं के वोट के लिए इस तरह के घोषणा पार्टियां करती हैं.

MP Youth Mahapanchayat: CM शिवराज का ऐलान- 15 अगस्त से एक लाख सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती होगी शुरू

भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया स्थगित: रोजगार कार्यालय में पंजीकृत 40 लाख युवा हैं, जिन्होंने रोजगार की तलाश में अपना कार्यालय में रजिस्ट्रेशन कराया है. वहीं, केंद्र सरकार के श्रम पोर्टल में मध्य प्रदेश के 1 करोड़ 40 लाख युवा पंजीकृत हैं, लेकिन रोजगार के वादे सिर्फ खोखले ही दिखाई देते हैं. ताजा उदाहरण विद्युत मंडल का ले लिया जाए तो पिछले 7 सालों से सरकारी भर्तियां नहीं हुई है. हाल ही में विभाग ने 948 पदों पर भर्तियों की सूचना निकाली, लेकिन नोटिफिकेशन से ऊर्जा विभाग की रिक्तियां का जिक्र नहीं किया गया. पीईबी ने प्रेस नोट जारी कर बताया की समूह-3 उपयंत्री मानचित्र कार्य अन्य समकक्ष पदों हेतु संयुक्त भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया स्थगित की गई है.

कई विभागों में पद खाली:ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अपने ट्वीट में लिखा की तीनों वितरण कंपनियों में रिक्त 547 पद सहित कुल 948 पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी. जिससे कनिष्ठ यंत्रियों की वर्तमान में कमी की पूर्ति संभव होगी, लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है. कब होगी कहना मुश्किल है, इस सबके बावजूद बीजेपी को लगता है कि, उनकी सरकार में युवाओं को रोजगार दिए जा रहे हैं. पार्टी कहती है की रोजगार मेले हर महीने लगते हैं और उनमें रोजगार मुहैया कराया जाता है. 3 साल से पीएससी से भर्ती नहीं हुई है. मामला हाईकोर्ट में बता कर भर्तियां नहीं की गई. सभी संवर्गों पर पदों में अभी डेढ़ लाख पद खाली है. लगातार कर्मचारियों और अधिकारियों का रिटायरमेंट हो रहे हैं. पद खाली हो रहे हैं लेकिन भरने की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है. राज्य प्रशासनिक सेवा में डिप्टी कलेक्टर के 873 पदों में से 400 खाली हैं. तो वहीं राज्य पुलिस सेवा में डीएसपी के 1,007 में से 337 पद खाली हैं.

मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, रीवा में 3500 युवा बनेंगे आत्मनिर्भर, जानें कैसे मिलेगा स्कीम का लाभ

मुख्यमंत्री की घोषणा:कोरोना के दौरान शिवराज सरकार ने सरकारी नौकरी को लेकर बड़ा ऐलान किया था. इसमें मुख्यमंत्री ने कहा था कि, मध्य प्रदेश की सभी सरकारी नौकरियां सिर्फ राज्य के लोगों को ही मिलेगी. इसके लिए जल्द ही कानूनी बदलाव पेश किए जाएंगे. अगस्त 2020 को यह ऐलान किया गया था, लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया. मुख्यमंत्री ने ऐलान किया था कि 1 महीने में 1लाख युवाओं को रोजगार के मौके दिए जाएंगे. इन्हें सरकारी नौकरियों में ही नहीं बल्कि युवाओं को निजी क्षेत्र में भी रोजगार के मौके उपलब्ध कराए जाएंगे.

व्यापम का नाम बदला लेकिन नहीं धुल पाए दाग-कांग्रेस:व्यापम में लगातार फर्जीवाड़ा होने के चलते सरकार ने छवि सुधारने के लिए उसका नाम पीईबी प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड कर दिया, लेकिन हाल ही में कई भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले के आरोप लगे. गृहमंत्री को जांच के आदेश भी देने पड़े थे. कांग्रेस का कहना है की शिवराज सरकार ने युवाओं के साथ छलावा किया है. हमारी सरकार विधायकों को खरीद कर गिरा दी गई और अब 1 लाख रोजगार की बात करते हैं. व्यापम ने परीक्षा के नाम पर करोड़ों रुपए युवा बेरोजगारों से लिए हैं. परीक्षा नहीं की गई. ऐसे में बीजेपी सरकार का कर्तव्य बनता है की युवा बेरोजगारों के पैसे लौटाए जाएं.

व्यापम के पास कोई रिकॉर्ड नहीं: सरकार को लग रहा था की जो प्रदेश की छवि व्यापम घोटाले के कारण हुई थी. उससे उबरा जा सकता है, लिहाजा व्यापम का नाम पीईबी कर दिया गया, लेकिन अभी भी व्यापम में 4 पुलिस वालों की ड्यूटी हमेशा के लिए लगा दी गई है. क्योंकि आने-जाने वालों से पूरा ब्यौरा लेकर आते हैं. पीईबी के जनसंपर्क अधिकारी से जब पूछा गया की आपने पिछले 4 साल में कितनी भर्तियां निकाली है तो इस बारे में जनसंपर्क अधिकारी का कहना था की व्यापम इस बारे में कोई रिकॉर्ड नहीं रखता.

Last Updated : Aug 4, 2022, 6:59 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details