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CM Samiksha Baithak: मुख्यमंत्री शिवराज ने की आयुष्मान योजना की समीक्षा, कहा योजना में फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं - Samiksha Baithak reviewed Ayushman scheme in MP

आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़े पर सीएम शिवराज सिंह ने अपने निवास पर वरिष्ठ अधिकारियों और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी के साथ समीक्षा बैठक ली. अभी तक 12 जिलों के प्रकरणों का परीक्षण कर संदिग्ध 84 संबद्ध चिकित्सालयों की सूक्ष्म जांच एवं ऑडिट कराया गया. जिसकी प्रारंभिक जांच में 27 अस्पतालों में अनियमितता परिलक्षित हुई है, जिस पर कार्रवाई की जा रही है.

Chief Minister Shivraj reviewed Ayushman scheme
मुख्यमंत्री शिवराज ने की आयुष्मान योजना की समीक्षा

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Published : Jun 17, 2022, 2:57 PM IST

भोपाल। आयुष्मान भारत योजना में किसी भी तरह के फर्जीवाड़े पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सख्त लहजे में कहा कि यह बर्दाश्त नहीं होगा. आयुष्मान भारत योजना के तहत बेहतर कार्य करें, जिससे मरीजों को उपचार कराने में कोई असुविधा नहीं हो. उन्होंने कहा कि योजना में फर्जीवाड़ा करने वालों को जेल भेजने की कार्रवाई होनी चाहिए. सीएम चौहान अपने निवास पर आयुष्मान भारत योजना की समीक्षा बैठक ले रहे थे. बैठक में लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन प्रियंका दास सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़ा असहनीय: मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़ा असहनीय है. प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना में घोटाला नहीं चलने देंगे, यह मरीजों और सरकार के साथ धोखा है. घोटाला करने वालों की केवल गिरफ्तारी ही नहीं, बाकी अन्य गतिविधियों की भी जांच करें. उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों का विभाग द्वारा दल बनाकर जांच कराई जाए. संदिग्ध पाये गए अस्पतालों में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान की राशि नहीं दी जाएगी. कॉल सेंटर एक्टिव रहें, मरीजों से पूछताछ करें, भर्ती हैं या नहीं. प्रदेश के 27 अस्पतालों में कमियां निकल कर सामने आई हैं, जिन पर कड़ी कार्रवाई करें और आगे ऐसा न हो.

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बीमारी के लक्षण अनुसार ही उपचार: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक प्रियंकादास ने बताया कि आयुष्मान में संबद्ध अस्पतालों में भर्ती मरीजों की चिकित्सकीय गुणवत्ता के लिए औचक निरीक्षण कराया गया. अस्पताल द्वारा क्लेम की गई भर्ती मरीजों की संख्या की जांच की गई. ऑडिट इंस्पेक्शन टीम द्वारा मरीजों से अतिरिक्त राशि नहीं ली जा रही है, इसका भी परीक्षण किया गया. इस बात की भी जांच की गई कि चिकित्सालयों द्वारा बीमारी के लक्षण अनुसार ही उपचार उपलब्ध कराया गया है कि नहीं और उसी उपचार की राशि सरकार से क्लेम की गई है या नहीं.

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