भोपाल।मध्यप्रदेश में एक हजार लोगों से 100 करोड़ से ज्यादा की ठगी कर फरार चल रहे आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मामला भोपाल में यूनिहोम्स प्रोजेक्ट से जुड़ा है, जिसके जरिए आरोपी ने खरीदारों को फ्लैट और दुकान बनाकर देने का झांसा दिया था. बदले में आरोपी ने सभी लोगों से एडवांस में रुपए लिया था और फिर मौके से वह फरार हो गया था. इसी को लेकर राजधानी की कोलार पुलिस ने बिल्डर सुमित खनेजा को रविवार को दिल्ली से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. (Bhopal con arrested in delhi)
2010 में अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट किया था लॉन्चयूनिटेक नाम की कंपनी ने 2010 में भोपाल के बैरागढ़ चींचली में यूनिहोम्स नाम से अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट लॉन्च किया था. जिसके बाद कंपनी ने एक और कंपनी के साथ खुद को जोड़कर ज्वाइंट वेंचर कंपनी बनाई थी. इसी के तहत कंपनी ने राजधानी भोपाल में करीब 500 फ्लैट्स के लिए कुछ लोगों से एडवांस लेकर बुकिंग की थी. जिसमें दो रूम वाले घर के लिए 26 लाख 31 हजार लिया था, वहीं तीन रूम वाले घर के लिए 35 लाख 89 हजार रुपए लिया था. इसी तरह में कार पार्किंग से लेकर बिजली कनेक्शन इंस्टॉलेशन तक के लिए पैसे लिए थे.
नवंबर 2017 में धोखाधड़ी का केस हुआ था दर्ज यूनिहोम्स सोसायटी के अध्यक्ष एसएस यादव ने बताया कि काफी समय तक लोगों को घर नहीं मिले. इसको लेकर जब लोगों ने ऑफिस में जाकर देखा, तो वहां कोई नहीं मिला. सुमित खनेजा कंपनी का डायरेक्टर था. इसके बाद लोगों ने मिलकर नवंबर 2017 में कोलार थाने में सुमित खनेजा, उसके भाई अमित खनेजा और एसके अरोरा के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया, लेकिन इस मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. (Bhopal builder cheating people in home making)
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दिए कार्रवाई के निर्देश
जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो पीड़ित परिवारों ने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से मिलकर आरोपी की गिरफ्तारी के लिए गुहार लगाई थी. आखिरकार गृहमंत्री के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. वहीं इस मामले में अमित खनेजा और एसके अरोरा अभी फरार है. पुलिस ने आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. कोरोना की वजह से पुलिस आरोपी को रिमांड में नहीं लेगी. (Bhopal Unitake company)
2012 में फ्लैट पजेशन देना था पीड़ित ने बताया कि उसने 2010 में दो फ्लैट बुक किए थे, जिसमें एक महीने बाद एग्रीमेंट भी हुआ. इसके मुताबिक 2012 में फ्लैट का पजेशन मिलना तय हुआ था. उन्होंने 29 लाख का भुगतान कर दिया था. वहीं यूनिहोम्स भोपाल रेसिडेंशियल वेलफेयर सोसायटी के पदाधिकारियों का कहना है कि पैसे डूब जाने के डर से 140 लोगों ने पजेशन ले लिए है, लेकिन यहां न तो कॉलोनी के अंदर सड़कें बनी हैं और न ही पीने का पानी मुहैया कराया जा रहा है. साथ ही बिजली कनेक्शन भी अस्थाई तौर पर मिले हैं.
डेढ़ करोड़ का आसामी निकला PWD का टाइम कीपर: EOW की छापेमारी, 8 प्लॉट का मालिक है पन्नालाल शुक्लासीबीआई कर रही जांच सीबीआई भी इस मामले की जांच कर रही है. जांच एजेंसी उपभोक्ताओं के साथ हुए एग्रीमेंट और बिल्डर को हुए भुगतान के दस्तावेज जुटा चुकी है. जांच में सामने आया था कि ज्यादातर एग्रीमेंट में दो साल के अंदर फ्लैट का पजेशन देने का दावा कर उपभोक्ताओं से 75 प्रतिशत तक राशि ले ली गई. इसके बावजूद भी उन्हें पजेशन नहीं मिला, वहीं रेरा भी पीड़ितों को मुआवजा देने का आदेश दे चुका है, लेकिन बिल्डर आदेश नहीं मान रहा. भोपाल पुलिस कमिश्नर के ट्वीट के मुताबिक आरोपी बिल्डर सुमित खानेजा ने 85 लोगों से करीब 19 करोड़ की धोखाधड़ी की है, इस फरार आरोपी पर 10 हजार का इनाम भी रखा गया था. (Bhopal Builder caught)