भोपाल। मध्यप्रदेश में 24 जून से शुरू हुए स्कूल चलो अभियान को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ की गंभीरता को कांग्रेस ने स्वागत योग्य बताया है. मुख्यमंत्री ने इस अभियान की शुरुआत झाबुआ जिले से की थी. कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री स्कूलों में बेहतर शिक्षा के साथ बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर देना चाहते हैं, ताकि प्रदेश के गरीब बच्चे निजी स्कूलों की तरह शिक्षा प्राप्त कर सकें.
गरीब बच्चों को 'अमीर' शिक्षा देने के लिए सरकारी स्कूलों का कायाकल्प करेगी सरकारः कांग्रेस
स्कूल चलो अभियान को लेकर कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री स्कूलों में बेहतर शिक्षा के साथ बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर देना चाहते हैं, ताकि प्रदेश के गरीब बच्चे निजी स्कूलों की तरह शिक्षा प्राप्त कर सकें.
मध्यप्रदेश कांग्रेस की मीडिया विभाग के अध्यक्ष शोभा ओझा ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ की स्कूल चलो अभियान को लेकर गंभीरता स्वागत योग्य है. ये इस बात का संकेत है कि बीजेपी राज की तरह शिक्षा का अब माफिया करण और व्यापारी करण नहीं होगा. पिछले डेढ़ दशक में शिक्षा माफिया ने इस प्रदेश में सरकारी संरक्षण में अपना जाल फैलाया. उससे ऐसे निजी स्कूल पनपे कि सरकारी स्कूलों की पूरी व्यवस्था प्रदेश सरकार की घोर उपेक्षा के चलते चरमरा गई.
व्यापमं जैसे मामलों में लिप्त पिछली सरकार के नुमाइंदे केवल शिक्षा के व्यवसायीकरण में रुचि रखते थे. इसलिए उन्होंने सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत नहीं होने दिया. ओझा का कहना है कि स्कूली शिक्षा किसी भी व्यक्ति के जीवन का मुख्य और अहम अंग होता है. स्कूली शिक्षा से ही व्यक्ति का जीवन निर्धारित होता है कि आगे चलकर वह क्या करेगा. ऐसे में जरूरी है कि प्रदेश के बच्चों को स्कूली शिक्षा बेहतर और अच्छे स्तर की दी जाए. 15 साल की बीजेपी सरकार के चलते आज स्कूल व्यवस्था बदहाल स्थिति में हैं.