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मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और ओएसडी के खिलाफ न्यायालय में परिवाद दायर

मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और उनके ओएसडी कमल नागर के खिलाफ भोपाल जिला न्यायालय में अवमानना का प्रकरण दर्ज करने के लिए एक निजी परिवाद दायर किया गया है. जिला न्यायालय में दायर की गई परिवाद में आरोप लगाया गया है कि सीहोर तहसील का निरीक्षण करने आए मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और उनके ओएसडी कमल नागर में तहसील कोर्ट में रखें दस्तावेजों से छेड़छाड़ की है.

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Published : Jul 3, 2019, 6:38 AM IST

मंत्री गोविंद सिंह राजपूत

भोपाल। मध्यप्रदेश के परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत जब से सीहोर तहसील कार्यालय का दौरा किया है, उसके बाद से ही उनकी परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं. जहां एक ओर गोविंद सिंह राजपूत के द्वारा तहसीलदार को निलंबित किए जाने का फरमान सुनाया गया था. उसके बाद से ही तहसीलदारों ने भी सरकार को आंदोलन की चेतावनी दे दी थी.

मंत्री गोविंद सिंह राजपूत


अब मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और उनके ओएसडी कमल नागर के खिलाफ भोपाल जिला न्यायालय में अवमानना का प्रकरण दर्ज करने के लिए एक निजी परिवाद दायर किया गया है. जिला न्यायालय में दायर की गई परिवाद में आरोप लगाया गया है कि सीहोर तहसील का निरीक्षण करने आए मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और उनके ओएसडी कमल नागर में तहसील कोर्ट में रखें दस्तावेजों से छेड़छाड़ की है, जो कि नियमों के विरुद्ध है. भोपाल जिला न्यायालय में दाखिल परिवाद की सुनवाई 9 जुलाई को होगी.


बता दें, 25 जून को राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत अपने दल बल के साथ सीहोर तहसील कार्यालय का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे और बिना किसी पुख्ता प्रमाण के ही तहसीलदार सुधीर कुशवाहा को निलंबित करने का फरमान भी सुनाया था. जिसे राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों ने नियम विरुद्ध बताते हुए सरकार के समक्ष अपना अभिमत रखते हुए बताया था कि राजस्व मंत्री का स्टाफ लगातार अनैतिक कार्य करने का दबाव बना रहा है और नहीं मानने पर गम्भीर परिणाम भुगतने की धमकी मिलती आ रहती है.


राजस्व मंत्री राजपूत के कार्यालय के अनैतिक कार्यों की जानकारी से जिले के प्रभारी मंत्री आरिफ अकील और सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ गोविंद सिंह को अवगत कराया गया था. सरकार के दोनों वरिष्ठ मंत्री राजस्व मंत्री की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट नजर आये थे और यही कारण था कि तहसीलदार सुधीर कुशवाहा का निलंबन आदेश पर सामान्य प्रशासन विभाग ने रोक लगा दी थी. यदि जिला न्यायालय इस परिवाद को स्वीकार कर लेता है तो फिर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और उनके ओएसडी कमल नागर पर मामला भी दर्ज किया जा सकता है .

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