भोपाल। बीजेपी विधायक जीएस डामोर के सांसद बनने के बाद खाली हुई झाबुआ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की तैयारी में कांग्रेस जुट गयी है. सत्ताधारी कांग्रेस अपने खाते में अब एक सीट बढ़ाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती है. यही वजह है कि पार्टी इस विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. मुख्यमंत्री कमलनाथ अभी से इसकी तैयारियों में जुट गए हैं, लेकिन इस सीट को जीतने के लिए पहले कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया और जेवियर मेढ़ा का विवाद सुलझाना जरूरी है.
कांग्रेस का अंदरूनी विवाद
इस सीट को लेकर कांग्रेस का अंदरूनी विवाद भी सामने आ रहा है. झाबुआ में कांतिलाल भूरिया और कांग्रेस के जेवियर मेढ़ा का विवाद कहीं न कहीं कांग्रेस की हार का कारण बना था. टिकट की दावेदारी कर रहे जेवियर मेढ़ा को टिकट नहीं मिला और कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया को टिकट मिल गया. जिसके चलते जेवियर मेढ़ा निर्दलीय चुनाव लड़े और करीब 35 हजार वोट मिले. यही वजह थी कि कांग्रेस प्रत्याशी विक्रांत भूरिया बीजेपी के उम्मीदवार जीएस डामोर 10000 मतों से हार गए. बाद में जेवियर मेढ़ा की कांग्रेस में वापसी हो गई और लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांतिलाल भूरिया के पक्ष में प्रचार भी किया. हालांकि, इसके बाद भी वे जीत हासिल नहीं कर सके.