SPECIAL: पांवटा में हिंदू-मुस्लिम भाइयों की गंगा जमुनी लक्ष्मण रेखा - undefined
सात संदूकों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें ...आज इंसा को मोहब्बत की ज़रूरत है बहुत .....मशहूर शायर बशीर बद्र की यह पंक्तियां पांवटा साहिब के ऊपरभगांणी गांव की अनेकता में एकता की इस दौर में तस्वीर देखकर यूं ही बरबस मुंह से फिसल रही है
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