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साल 2020 से कोल डैम में शुरू होगी 'एंगलिंग', पर्यटन स्थल के रूप में भी होगा विकसित

पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए साल 2020 में कोल डैम जलाशय को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए नई योजनाएं शुरू की जाएंगाी. मंत्री ने बताया कि एंगलिंग (फिशिंग) शुरु किया जाएगा.

Una kol dam  will develop as a tourist
Una kol dam will develop as a tourist

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Published : Dec 16, 2019, 8:17 PM IST

ऊनाः पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए साल 2020 में कोल डैम जलाशय को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए नई योजनाएं शुरू की जाएंगाी. मंत्री ने बताया कि एंगलिंग (फिशिंग) शुरु किया जाएगा.

वीरेंद्र कंवर ने कहा 40 किमी लंबे जलाशय में महाशीर जैसे मछलियों का बीज स्टॉक किया जाएगा, ताकि देशी-विदेशी पर्यटकों को एंगलिंग के माध्यम से आकर्षित किया जा सके. उन्होंने कहा कि जल्द ही मत्स्य पालन विभाग बिलासपुर, सोलन, मंडी और शिमला जिला में आने वाले इस जलाशय में स्पोर्ट्स फिशरीज शुरू करने जा रहा है.

वीरेंद्र कंवर ने बताया कि साल 2018-19 में कोल डैम में 5.595 मीट्रिक टन मछली उत्पादन हुआ था. वहीं, साल 2019-20 के लिए 9 मीट्रिक टन मछली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है और इस साल नवंबर माह तक 7.045 मीट्रिक टन मछली उत्पादन हुआ है.

पंचयाती मंत्री ने कहा कि साल 2018-19 में कोल डैम से पकड़ी गई मछली 101 रुपये प्रति किलो के भाव से बाजार में बिकी. कोल डैम के विस्थापितों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए मछली पालन से जुड़ी 5 सहकारी सभाएं बनाई गई हैं.

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वीरेंद्र कंवर ने बताया कि इस सभाओं में विस्थापितों के साथ-साथ परंपारगत मछुआरों को सदस्य बना गया है जिन्हें मछली पालन के साथ जोड़ा गया है. मौजूदा समय में 350 मछुआरों की रोजी रोटी कोल डैम में मत्स्य पालन से जुड़ी हुई है. सलतुज नदी में मुख्य तौर पर शिज़ोथोरेसिड्स, महाशीर, माइनर कार्प, कैट फिश और ट्राउट पाई जाती हैं.

वहीं, गोबिंद सागर झील में 28 मछली के पिंजरे स्थापित किए गए थे, जिनका उपयोग जलाशयों में स्टॉकिंग के लिए किया जा रहा है और परिणाम काफी उत्साहजनक रहे हैं. मछली के अवैध शिकार को रोकने के लिए जलाशयों में गश्त के लिए विशेष दस्तों का गठन किया गया है. मछली पकड़ने पर बैन लगने के बाद इस साल कोई अवैध मामला सामने नहीं आया है.

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