ऊना: अकसर देखा जाता है कि दिव्यांग होने के बाद कोई भी व्यक्ति पूरी तरह से हौसला छोड़ देता है. यहां तक कि ऐसे भी मामले सामने आए हैं कि दिव्यांग होने के बाद व्यक्ति कई बार खौफनाक कदम उठा लेते हैं, लेकिन ऊना जिला मुख्यालय के समीपवर्ती गांव जलग्रां के विपिन कुमार ने दिव्यांगता को अपने लिए शाप बनने नहीं दिया, बल्कि अपनी कड़ी मेहनत से दिव्यांगता को भी वरदान में बदल दिया. खुद के हुनर के दम पर विपिन कुमार ने न सिर्फ अपना नाम चमकाया बल्कि अपने गांव जिले और प्रदेश को भी गौरवान्वित किया है. रीढ़ की हड्डी में चोट लगने के कारण करीब 9 साल पहले दिव्यांग हो चुके विपिन कुमार इस वक्त हिमाचल प्रदेश की व्हीलचेयर क्रिकेट टीम का भी हिस्सा हैं. इसके अलावा अब विपिन कुमार शॉटपुट और बेंच प्रेस में राष्ट्रीय पैरालंपिक की तैयारी में जुटे हैं.
व्हीलचेयर क्रिकेट में राष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन कर चुके विपिन: दिव्यांग होने के बावजूद खुद को किस प्रकार मजबूती से स्थापित किया जा सकता है, इसका जीता जागता उदाहरण ऊना जिले के गांव जलग्रां के 32 वर्षीय विपिन कुमार हैं. व्हीलचेयर क्रिकेट में राष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन कर चुके विपिन राज्य स्तर पर बेंच प्रेस और शॉटपुट में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर चुके हैं और अब पैरालंपिक बेंच प्रेस और शॉट पुट में राष्ट्रीय स्तर पर अपना हुनर दिखाने की तैयारी में जुटे हैं. 23 वर्ष की उम्र में आम तोड़ते वक्त विपिन पेड़ से गिर गए थे, जिससे उन्हें गंभीर चोट आई थी. इसके बाद जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया, तब उन्हें पता चला कि उनकी रीड की हड्डी में चोट आ गई है जिसके चलते उन्हें लॉन्ग टर्म इंजरी हुई है. वापस से सामान्य होने में विपिन को करीब 4 साल तक का समय लगा. इस बीच वह इस चोट के कारण व्हीलचेयर पर आ चुके थे.
कड़ी मेहनत के बाबजूद आर्थिक तंगी बन रही मुश्किल:व्हीलचेयर पर आने के बावजूद उन्होंने जिम ज्वाइन की और शारीरिक सौष्ठव पर फोकस किया. बेशक विपिन अपने खेल को आगे लेकर जाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, लेकिन कहीं न कहीं आर्थिक तंगी विपिन की इस मेहनत में रोड़ा बन रही है. विपिन बेरोजगार है और कमाई का कोई साधन भी नहीं है ऐसे में विपिन जैसे-तैसे करके अपने अभ्यास को आगे बढ़ा रहा है. विपिन ने बताया कि इस दौरान उन्होंने न केवल अपने शरीर को एक अच्छी शेप देने, बल्कि इसके अतिरिक्त उन्होंने खेलों की तरफ ध्यान दिया और व्हीलचेयर क्रिकेट में कदम रखा.