ऊना के बालकृष्ण सैनी ने लोगों को दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश. ऊना: पेड़ हमारे पर्यावरण को संतुलित रखने का सबसे सशक्त माध्यम है. यदि इन्हीं पेड़ों पर ही अंधाधुंध कुल्हाड़ी चलने लग जाए तो फिर प्राकृतिक आपदाएं भी बढ़ जाती हैं. ऐसे में यह प्राकृतिक आपदाएं मानव निर्मित आपदाओं के रूप में इंसान पर जमकर कहर बरपाती हैं. इन्हीं आपदाओं को रोकने के लिए पर्यावरण संरक्षण बेहद जरूरी है. पर्यावरण संरक्षण का एक अजीबोगरीब मामला ऊना जिले से सामने आया है.
पर्यावरण संरक्षण का अनोखा अंदाज: पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए एक व्यक्ति चेहरे पर ऑक्सीजन मास्क, पीठ पर आम का पौधा और हाथ में अधिक से अधिक पौधे लगाने का संदेश देती तख्ती उठाकर, ऊना जिला मुख्यालय की सड़कों पर घूम रहा है. जिला मुख्यालय के समीपवर्ती गांव अजनोली के रहने वाले बालकृष्ण सैनी ने इस वेशभूषा में लोगों को अधिक से अधिक पौधे लगाने और वनों का कटान बंद करने का संदेश दिया.
अजनोली का बाल कृष्ण सैनी लोगों को दे रहा पौधारोपण का संदेश. इंसानों ने दिया प्राकृतिक आपदाओं को न्यौता: बालकृष्ण सैनी का कहना है कि हिमाचल प्रदेश वर्तमान में कई प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा है, लेकिन कहीं ना कहीं इन प्राकृतिक आपदाओं को न्यौता देने का काम इंसान ने ही किया है. जब पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ होगी तो प्रकृति अपना रौद्र रूप अवश्य दिखाएगी. उन्होंने बताया कि वह हर साल पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रचार करते हैं, लेकिन इस बार सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें इस तरह प्रचार करने का आईडिया मिला.
पर्यावरण संरक्षण के प्रचार का अजीबोगरीब तरीका. वनों का अंधाधुंध कटान प्राकृतिक आपदाओं की वजह:बालकृष्ण सैनी ने बताया कि चेहरे पर ऑक्सीजन मास्क पीठ पर आम का पौधा और हाथ में संदेश लिखा बोर्ड लेकर आने में उनकी पत्नी और बच्चों ने भरपूर मदद की. चेहरे पर लगाए ऑक्सीजन मास्क के संदर्भ में उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन जीने का मूलभूत सहारा है, लेकिन जिस तरह से पेड़ों का अंधाधुंध कटान हो रहा है आने वाले समय में सांस लेने तक ऑक्सीजन नहीं बचेगी. बालकृष्ण सैनी का कहना है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जन्मदिन, विवाह समारोह, विवाह की सालगिरह और नौकरी आदि मिलने की खुशी में पौधारोपण अवश्य करना चाहिए. साथ ही अपने हाथों से लगाए गए इन पौधों का संरक्षण और संवर्धन भी करना चाहिए.
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