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11वीं में छोड़ी पढ़ाई, 18 साल के हिमाचली युवक ने बनाया रोबोट, US से मिले प्री-लॉन्च ऑर्डर

मोगीनंद के 18 वर्षीय ईशांत ने 11वीं कक्षा में पढ़ाई छोड़ दी और अपने सपने को साकार करने की ठान ली. इशांत को बचपन से ही रोबोट बनाने का शौक था. 2 साल के भीतर ही ईशांत ने घर बैठे ही रोबोट बना दिया.

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Published : Aug 27, 2019, 4:53 PM IST

11वीं में छोड़ी पढ़ाई, 18 साल के हिमाचली युवक ने बनाया रोबोट, US से मिले प्री-लॉन्च ऑर्डर

नाहन:दिल में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो सपनों को उड़ान मिल ही जाती है. नाहन के मोगीनंद निवासी 18 वर्षीय इशांत पुंडीर ने इस कहावत को सच कर दिखाया है. इशांत ने 11वीं कक्षा में पढ़ाई छोड़ अपने सपने को साकार करने की ठान ली.

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इशांत का सपना रोबोट बनाने का था. इशांत ने दो साल की कड़ी मेहनत के बाद बनाए गए रोबोट को अपनी वेबसाइट पर ऑनलाइन प्रदर्शित किया और अब अमेरिका की सॉफ्टवेयर कंपनियों से उसे प्री-लॉंच के ऑर्डर मिले हैं.

दरअसल नाहन विधानसभा क्षेत्र के तहत मोगीनंद के रहने वाले ईशांत पुंडीर ने 11वीं कक्षा में पढ़ाई छोड़कर खुद का एक ऐसा रोबोट तैयार करने के बारे में सोचा जो इंसान के रोजमर्रा के कामों में साथ दे सके. दो साल की मेहनत के बाद इशांत ने एक ऐसा रोबोट बनाया जो आपकी आवाज को पहचान कर आपके ऑर्डर की पालना करेगा. साथ ही यह टचस्क्रीन से भी आपके आदेश को स्वीकार करेगा.

रोबोट के जरिये आप रिमाइंडर सेट कर सकते हैं, मार्केट लिस्ट तैयार कर सकते हैं, मौसम के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा कई ऐसे काम हैं जो यह रोबोट आसानी से कर लेता है. इसके लिए रोबोट को साथ ले जाने की भी आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि यह रोबोट वाई-फाई कनेक्टिविटी के माध्यम से आपके मोबाइल लैपटॉप या कंप्यूटर से अटैच हो जाता है, जो आपके आदेशानुसार कार्य करता रहेगा.

खास बात यह है कि इस रोबोटे की प्रोग्रामिंग आम आदमी की जरूरतों को पूरा करने के लिहाज से डिजाइन की गई है. रोबोट की सर्किट किट चीन से मंगाई गई है, जिसे गुजरात की एक आईटी कंपनी से असेंबल करवाया गया है. इससे संबंधित सॉफ्टवेयर ईशांत ने स्वयं बनाया है. इसकी प्रोग्रामिंग एवं प्रोटोटाइप का डिजाइन खुद तैयार किया गया है. रोबोट आवाज पहचान कर आदेशों का पालन करता है.

ईशांत ने बताया कि उसने इस रोबोट को इजाद करने के बाद अपनी वेबसाइट पर ऑनलाइन प्रदर्शित किया. इसके फलस्वरूप यूएसए की सॉफ्टवेयर कंपनियों से उसे प्री-लॉंच ऑर्डर भी मिले हैं. तकनीकी रूप से इस रोबोट की मेमोरी 32 जीबी की है, जिसे आवश्यकतानुसार बढ़ाया भी जा सकता है.

इसके अलावा इस रोबोट से वीडियो कॉलिंग, स्टडी मैटर सॉल्यूशन व किसी भी प्रकार की सहायता ली जा सकेगी. इसको 15 सितंबर तक संशोधित करके अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतारने की तैयारी की जा रही है. भारत में इस रोबोट की कीमत 25 हजार रुपए होगी.

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ईशांत के पिता रविंद्र पुंडीर ने बताया कि उनका बेटा बचपन से ही ऐसी गतिविधियों में रूचि रखता था, जो वैज्ञानिक तथ्यों से जुड़ी हों. उन्होंने बताया कि ईशांत की 8वीं कक्षा तक पढ़ाई डीएवी स्कूल नाहन व दसवीं तक पढ़ाई आर्मी स्कूल नाहन से पूरी हुई. उसके बाद उसे पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ भेजा गया. इसी दौरान उसे कोलकाता, बेंगलुरू व मुंबई में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में अपना बनाया हुआ रोबोट प्रदर्शित करने का अवसर मिला, जो बेकार पड़ी वस्तुओं से तैयार किया गया था. इसके बाद ईशांत ने पढ़ाई छोड़कर पूरा समय रोबोट बनाने के लिए दे दिया.

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