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पांवटा साहिब वायरल वीडियो मामला, उत्तराखंड पुलिस ने नकारे भ्रष्टाचार के आरोप

पांवटा साहिब में भ्रष्टाचार के वायरल वीडियो के मामले को लेकर कांग्रेस भी अब मुखर हो गई है. कांग्रेस के मंडल अध्यक्ष अश्विन ने सिरमौर पुलिस और प्रशासन पर गंभीरता से काम नहीं करने के आरोप लगाए हैं.

Paonta Sahib viral video case
पांवटा साहिब वायरल वीडियो मामला

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Published : Mar 15, 2020, 3:02 PM IST

पांवटा साहिब: जिला सिरमौर के उपमंडल पांवटा साहिब में भ्रष्टाचार के वायरल वीडियो का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. मामले को लेकर कांग्रेस भी अब मुखर हो गई है. कांग्रेस के मंडल अध्यक्ष अश्विन ने सिरमौर पुलिस और प्रशासन पर गंभीरता से काम नहीं करने के आरोप लगाए हैं.

कांग्रेस मंडल अध्यक्ष अश्विन ने कहा कि इन दिनों पांवटा साहिब में अवैध खनन लगातार बढ़ रहा है. इस पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन सख्ती से कार्रवाई नहीं कर रहा है. यही नहीं उन्होंने पुलिस प्रशासन पर खनन माफिया पर कार्रवाई नहीं करने और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए.

गौर रहे कि पांवटा साहिब में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें ट्रक चालकों ने इस बात को कबूला था कि वो रेत-बजरी से भरे ट्रकों को ले जाने के लिए सात सौ रुपये देते हैं. यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा वायरल हो गया था.

वहीं, माइनिंग ऑफिसर ने अपने बयान में बताया था कि क्षेत्र में उत्तराखंड पुलिस खनन कर रहे वाहनों से पैसे वसूल रहे हैं जिसपर कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं, सिरमौर पुलिस के अधिकारी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. अधिकारी मामले में जांच की बात कर रहे हैं.

वीडियो.

उत्तराखंड पुलिस ने नकारे आरोप

इस मामले में उत्तराखंड पुलिस जांच में डीएसपी विकासनगर भूपेंद्र सिंह धोनी ने मीडिया के सामने आकर इस बात का खुलासा करते हुए बताया कि हिमाचल पुलिस ने भ्रष्टाचार की गाज उत्तराखंड पुलिस के सिर मढ़ी है. ऐसे में हिमाचल पुलिस ने उत्तराखंड पुलिस के बड़े अधिकारियों को पत्र लिखकर सूचित किया था जिसकी जांच स्वभाविक थी.

हिमाचल पुलिस की बताई संलिप्तता

डीएसपी भूपेंद्र सिंह धोनी बताया कि मैंने खुद जांच का वीडियो देखा और उसपर निष्पक्ष जांच की गई. वीडियो में जो लोग थे वह ढकरानी के निवासी हैं जो हिमाचल में काम करते हैं. डीएसपी ने बताया कि मोबाइल कॉल्स डिटेल्स भी निकाली गई हैं, जिससे ये पता चला है कि ये लोग एक बार नहीं बल्कि कई मर्तबा सिंघपुरा चौकी के लोगों के संपर्क में थे.

डीएसपी ने बताया कि इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें उन्होंने इस बात को कबूल किया है कि वो एक ट्रक के सात सौ रुपये वसूलते थे. जिसमें से दो सौ रुपये रेता-बजरी की ढेरी लगाने के उनके होते थे और पांच सौ रुपये सिंघपुरा चौकी में दिए जाते थे.

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