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गर्मियों में नी'रस' रहा जूस का कारोबार, कूड़ेदान में फेंकने पड़ रहे फल

कोरोना काल में हर एक तबके को नुकसान हुआ है. लॉकडाउन भी गर्मियों के मौसम में लगाया गया. जब जूस विक्रेताओं को काफी ज्यादा फायदा होता था. वहीं, पांवटा साहिब की बात करे तो हर जगह जूस कारोबारियों की दुकानों में गर्मियों के दौरान लोगों के जमावड़े लगे रहते थे.

loss to Fruit sellers
जूस का कारोबार

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Published : Jun 26, 2020, 6:37 PM IST

पांवटा साहिब: साल 2020 में गर्मियों का मौसम आया और चला भी गया, लेकिन इस बीच फल विक्रेताओं का कारोबार ठंडा रहा. कोरोना वायरस की वजह से सरकार ने देशभर में लॉकडाउन लगा दिया था, कोरोना वायरस के भारत में पहुंचने से पहले ही देश की अर्थव्यवस्था की हालत चिंताजनक थी.

कोरोना काल में हर एक तबके को नुकसान हुआ है. गर्मियों में ही जूस व्रिकेताओं की अधिक फायदा होता था, लेकिन अप्रैल-मई में लॉकडाउन लगने से इनका काम रफ्तार नहीं पकड़ सका. वहीं, पांवटा साहिब की बात करें तो हर जगह जूस कारोबारियों की दुकानों में गर्मियों के दौरान लोगों का जमावड़ा लगा रहता था.

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गर्मी के मौसम में अनार, मैंगो, बनाना शेक और जूस लोगों की पहली पसंद होता था, लेकिन कोरोना काल ने सब तहस-नहस कर दिया है. कारोबारियों की मानें तो दो वक्त का गुजारा चलाना भी मुश्किल हो गया है. कई जूस के कारोबारियों ने तो अब काम ही बंद कर दिया. लॉकडाउन खुलने के बाद भी ग्राहक कोरोना के डर से जूस पीने में गुरेज कर रहे हैं.

वहीं, जूस विक्रेता पाल सिंह ने बताया कि सीजन के दौरान लाखों रुपए का मुनाफा होता था. इस बार 80हजार का फल बर्बाद हो चुका है और दुकान के 4 महीने का किराया, कमरे का किराया देना अभी बाकी है.

दुकान में काम कर रहे मजदूरों को दिहाड़ी देना मुश्किल हो गया है. काम की बात की जाए तो पहले 500 से अधिक रोजाना जूस के गिलास बेचे जाते थे. अब 30 से 50 गिलास बेचना भी मुश्किल हो रहा है. कोरोना वायरस ने छोटे कारोबारियों की कमर तोड़ कर रख दी है.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश में भी कोरोना वायरस ग्राफ बढ़ता जा रहा है. वहीं, प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण के मामले को कम करने के हर संभव प्रयास कर रही है. कोरोना काल में छोटे व्यापारियों को हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए भी प्रदेश सरकार को कोई रणनीति बनानी चाहिए ताकि छोटे व्यापारियों का कारोबार फिर से पटरी पर आ जाए.

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