पांवटा साहिब: जानलेवा कोरोना वायरस अब लोगों की जिंदगी में वो नासूर बनता जा रहा है. इसके जख्मों को भरने के लिए सालों लग जाएंगे. इस महामारी ने हर तबके के लोगों को नुकसान पहुंचाया है. गरीब से लेकर अमीर, उद्योगपति से लेकर किसान.
इस वैश्विक बीमारी से कोई अछूता नहीं रहा. वहीं, इसका असर किसान बागवानों पर भी पड़ा है. दरअसल हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के पांवटा साहिब की लीची काफी फेमस मानी जाती है, लेकिन इस बार लीची की मिठास फीकी पड़ गई है.
बागवानों को लीची के सही दाम नहीं मिल रहे
कोरोना कर्फ्यू की वजह से किसान मेहनत और फसल को बर्बाद होते हुए देख रहे हैं. बागवानों की मानें तो पिछले वर्ष पहले इन्हें लीची के पेड़ों पर स्प्रे करने के लिए मजदूर नहीं मिले और उसके बाद खराब मौसम इनका बार-बार इम्तेहान लेता रहा. जैसे-तैसे कुछ फसल बच गई तो अब आलम ये है कि बागवानों को लीची के सही दाम नहीं मिल रहे. पिछले वर्ष कई हजारों का नुकसान बागवानों को झेलना पड़ा.