शिमला:हिमाचल में मंगलवार को कोरोना अलर्ट के बीच मॉक ड्रिल की गई. यह मॉक ड्रिल वर्चुअली हुई, जिसमें अस्पतालों में कई तरह की लापरवाहियां देखने को मिलीं. जिसके चलते आईजीएमसी शिमला के एमएस डॉ. राहुल राव ने प्रदेश में कोरोना संबंधी एहतियात बरतने के निर्देश दिए. हालांकि कोरोना लहर की आहट के बीच अस्पतालों में महामारी से निपटने की तैयारियां पूरी हैं, लेकिन कोरोना को लेकर लापरवाही भी बरती जा रही है. लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं. पर्यटन सीजन होने के चलते लोगों की भीड़ पर नियंत्रण नहीं है. सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट नहीं बने हैं.
अधिकारियों ने माना है कि कोरोना को लेकर अभी कई जगहों पर लापरवाही बरती जा रही है, लेकिन दूसरी ओर प्रदेश में अभी कोरोना संक्रमण का प्रसार अभी बहुत कम है. ऐसे में हेल्थ डिपार्टमेंट मास्क को अनिवार्य करने की तैयारी कर रहा है. प्रदेश के अस्पतालों में बिना मास्क एंट्री पहले ही बैन है. (Corona in Himachal) (Mock drill regarding Corona in Himachal)
कोविड इंफ्रास्ट्रक्चर का लिया फीडबैक:प्रधान स्वास्थ्य सचिव सुभाशीष पांडा ने कोविड इंफ्रास्ट्रक्चर का जिलों के CMO से ऑनलाइन फीडबैक लिया. उनसे जोनल व छोटे अस्पतालों में कोरोना संबंधी तैयारियों की जानकारी ली. मॉक ड्रिल में सभी जिलों को निर्देश दिए गए कि अपने यहां कोविड प्रोटोकॉल संबंधी सभी मुख्य बिंदुओं का पालन किया जाए.
मॉक ड्रिल में यह सब सामने आया: IGMC शिमला में अब हर रोज करीब 5 से 6 हजार लीटर मीट्रिक टन ऑक्सीजन पैदा होगी. पहले यहां पर 3600 लीटर मीट्रिक टन ऑक्सीजन पैदा हो रही थी. अब यहां पर रोज 400 से ज्यादा मरीजों को ऑक्सीजन दी जा सकेगी. लोगों के लिए प्रीकॉशन डोज लगवाना भी अनिवार्य होगा.