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Shimla Shiv Temple Landslide: 8 घंटे से मलबे में जिंदगी की तलाश, गए थे महाकाल को जल चढ़ाने, खुद काल के मुंह में समा गए

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में रेस्क्यू ऑपरेशन में मलबे से जिंदगी की तलाश जारी है. बता दें कि समरहिल के समीप शिव मंदिर में लोग जलाभिषेक करने आए थे. आज सोमवार था तो जैसे ही लोग आरती कर रहे थे तो इस दौरान वे हादसे का शिकार हो गए. पढ़ें पूरी खबर... (Himachal cloudburst) (Shimla Shiv Temple Landslide).

Shimla Shiv Temple Landslide
सीएम सुक्खू निरीक्षण करते हुए.

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Published : Aug 14, 2023, 5:31 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के समरहिल में शिव मंदिर में हुए हादसे ने सब को झकझोर कर रख दिया है. लोग मंदिर में महाकाल को जल चढ़ाने गए थे और खुद ही काल के मुंह में समा गए. हिमाचल पुलिस, एसडीआरफ, आईटीबीपी, भारतीय सेना के जवान बीते आठ घंटे से भी ज्यादा समय से बचाव व राहत कार्य कर मलबे से जिंदगी की तलाश कर रहे हैं. यह दर्दनाक हादसा समरहिल के समीप शिव मंदिर में हुआ, जहां आसपास के लोग मंदिर में जलाभिषेक करने जाते हैं. आज सोमवार का समय था और इसके चलते आसपास के लोग सुबह के समय ही मंदिर में जल चढ़ाने गए थे, लेकिन इस बीच यह प्रलय आ. सुबह करीब पौने सात बजे जब मंदिर में आरती हो रही थी. तभी बादल फटने के बाद आए भूस्खलन की चपेट में यह मंदिर और आरती में कर रहे लोग आ गए. शिव मंदिर बालूगंज से समरहिल जाने वाली सड़क के निचली ओर है. यहां ऊपर भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान है.

संस्थान के नीचे ही बादल फटने की यह घटना हुई और यह अपने साथ मलबा, देवदार के बड़े-बड़ दरख्त ले गया. मलबा समरहिल जाने वाली सड़क से होते हुए लोअर समरहिल की सड़क को बहाता गया और इसके बाद निचले रेलवे ट्रैक के होते हुए नीचे शिव मंदिर पर गया. मलबा इतना ज्यादा था कि रेलवे ट्रैक भी हवा में लकट गया है, मंदिर से ऊपर की पूरी पहाड़ी ही दरकर आ गई. जिस जगह भव्य मंदिर था, वह कुछ ही क्षण में मलबे के ढेर में बदल गया.

सीएम सुक्खू निरीक्षण करते हुए.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खुद संभाला मोर्चा: मंदिर में हुए इस हादसे का पता चलते ही पुलिस, होमगार्ड, एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स), सेना के जवान के साथ-साथ स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और मलबे को हटाने का कार्य शुरु किया गया. यहां पर बड़े बड़े पेड़ मलबे में आए थे, जिनको काटने के बाद ही मलबा हटाने का काम शुरू किया जा सका. हालांकि मौके पर जेसीबी को पहुंचने में कुछ समय लगा क्योंकि सड़क पूरी तरह से खराब हो गई थी.

इस हादसे की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वयं मौके पर पहुंचे और बचाव व राहत कार्य का मोर्चा खुद संभाला. राज्यपाल भी मौके पर पहुंचे. मुख्यमंत्री के साथ स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल, विक्रमादित्य सिंह, स्थानीय विधायक हरीश जनारथा, मेयर सुरेंद्र चौहान, एडीजीपी सतवंत अटवाल व अभिषेक त्रिवेदी, डीसी शिमला आदित्य नेगी और एसपी शिमला संजीव गांधी भी मौके पर बचाव राहत कार्यों की निगरानी करते रहे.

घटनास्थल पर मौजूद सीएम सुक्खू.

शाम तक मलबे से जिंदगी की तलाश करते रहे बचाव कर्मी: मंदिर पर गिरे मलबे हटाकर जिंदगी की तलाश शाम तक चलती रही. स्थानीय लोग. पुलिस, सेना, होमगार्ड , एसडीआरएफ जवान मलबा हटाने के काम में लगे रहे. यह हादसा कई परिवारों को गहरे जख्म दे गया जिनके लोगों को यह हमेशा के लिए छीन गया.

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