शिमला: इस मानसून सीजन में हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से भारी तबाही हुई है. बीते 24 घंटों में राज्य में 54 लोगों की मौत हुई है. बादल फटने के कारण अचानक पानी के तेज बहाव में पेड़ जड़ से उखड़ रहे हैं और भारी चट्टानें खिसक कर नुकसान कर रही हैं. राज्य सरकार इन घटनाओं से चिंता में है. जुलाई महीने में भी 9 से 11 तारीख के बीच हिमाचल में भयावह तबाही हुई थी. अब 14 अगस्त को हिमाचल ने प्रकृति के तांडव को देखा है.
14 अगस्त को बादल फटने के कारण शिमला के समरहिल में शिव मंदिर ध्वस्त हो गया. हादसे में 8 लोग मारे जा चुके हैं. अभी भी मलबे के नीचे कितने लोग हैं, इसका पता नहीं चल पा रहा है. इसी तरह सोलन जिला में ममलीग के एक गांव में एक ही परिवार के सात सदस्य मौत का शिकार हुए हैं. ये घटना भी बादल फटने का परिणाम है. इससे पहले सिरमौर जिला के ताल गांव में एक ही परिवार के पांच सदस्य काल का ग्रास बने. उससे पहले रोहड़ू के लैला इलाके में दादा-दादी व पोते की मौत हुई. ये हादसा भी बादल फटने के कारण हुआ है.
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों में बादल फटने के बाद भारी मात्रा में पानी आने से भयानक तबाही हो चुकी है. ऐसे में सरकार चिंता में है और प्रकृति की बदलती प्रवृति पर अध्ययन करने का फैसला लिया गया है. हिमाचल प्रदेश साइंस, एनवार्यन्मेंट एंड टेक्नोलॉजी विभाग राज्य में बादल फटने की घटनाओं का अध्ययन करेगा. इन घटनाओं के कारण और प्रभावों को लेकर विस्तार से रिपोर्ट बनाई जाएगी.