शिमला: राजनीतिक कौशल के माहिर वीरभद्र सिंह बहुत सोच-समझकर बयानबाजी करते थे. वे कहा करते थे कि कीचड़ उछालने वाली राजनीति से दूर रहना चाहिए. वीरभद्र सिंह खुद भी इस बात का खास ध्यान रखते थे. जब कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने नरेंद्र मोदी को चायवाला कहा था और ये बयान दिया था कि मोदी के लिए कांग्रेस कार्यालय के बाहर चाय का स्टॉल लगवा देंगे तो वीरभद्र सिंह ने अय्यर के इस बयान का विरोध किया था.
एक साक्षात्कार में वीरभद्र सिंह ने जनवरी 2014 में नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी. वीरभद्र सिंह ने कहा था कि व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप लगाना गलत बात है. राजनीति में शालीनता नहीं भूलनी चाहिए. वीरभद्र सिंह ने कहा था कि वे नरेंद्र मोदी का आदर करते हैं. उन्हें व्यक्तिगत तौर पर भी जानते हैं. जब वीरभद्र सिंह से मणिशंकर अय्यर के चाय स्टॉल वाले बयान पर सवाल किया गया था तो उन्होंने इसे गलत बताया था.
वीरभद्र सिंह ने कहा था कि अगर कोई विगत में चाय बेचता था और आने वाले समय में देश का प्रधानमंत्री बनता है तो ये खुशी की बात है. हिमाचल की राजनीति में देखा जाए तो वीरभद्र सिंह व प्रेम कुमार धूमल के बीच हमेशा से असहज रिश्ते रहे हैं, लेकिन सार्वजनिक मंचों पर दोनों नेताओं ने कभी भी मर्यादा का अतिक्रमण नहीं किया. वहीं, मौजूदा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जब सत्ता संभाली थी तो उसके बाद अपनी प्रतिक्रिया में वीरभद्र सिंह ने उन्हें ईमानदार नेता बताया था.