शिमला:चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने सत्ता में आने पर दस गारंटियां लागू करने का वादा किया था. ओपीएस बहाली के बाद यदि सबसे अधिक चर्चा किसी गारंटी की थी तो वो महिलाओं के खाते में डेढ़ हजार रुपए प्रति माह डालने वाली थी. पहले कांग्रेस ने कहा था कि 18 साल की लड़कियों से लेकर 60 साल तक की महिलाओं को सभी को ये लाभ मिलेगा. अब पहली कैबिनेट मीटिंग में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस गारंटी को पूरा करने के लिए कैबिनेट सब-कमेटी गठित कर दी.
कैबिनेट सब-कमेटी ने भी बैठक कर ली है और अब जो वस्तुस्थिति सामने आई है, उसके अनुसार सभी महिलाओं को ये डेढ़ हजार रुपए नहीं मिलेंगे. उसके बाद से सुखविंदर सिंह सरकार की इस गारंटी को लेकर सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं. खासकर कैबिनेट सब-कमेटी के मुखिया व सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने जब ये कहा कि परिवार से केवल एक महिला को ये लाभ मिलेगा तो उसके बाद से सोशल मीडिया पर कटाक्ष होने लगे.
यूजर्स कह रहे हैं कि इस तरह तो सरकार सास-बहू के बीच लड़ाई करवा देगी. वहीं, कुछ लोग अलका लांबा का वीडियो भी शेयर कर रहे हैं, जिसमें वो कह रही हैं कि सभी महिलाओं को 1500 रुपए मिलेंगे. यूजर्स पूछ रहे हैं कि अलका लांबा कहां हैं ? पहले तो कहा जा रहा था कि सभी पात्र महिलाओं यानी 18 साल से 60 साल की आयु वर्ग में सभी को ये लाभ मिलेगा. अब कांग्रेस की गारंटी का क्या हुआ ? वहीं, कुछ लोग पूछ रहे हैं कि यदि परिवार में देवरानी, जेठानी व सास होगी तो लाभ किसे मिलेगा ? क्या उसे ये लाभ मिलेगा, जिसके नाम राशन कार्ड है ? यदि जेठानी को मिलेगा तो देवरानी का क्या कसूर है. वोट तो सभी ने दिया है ?
उल्लेखनीय है कि हाल ही में महिलाओं को पंद्रह सौ रुपए प्रति माह देने वाली गारंटी पर कैबिनेट सब-कमेटी की मीटिंग हुई थी. बाद में कमेटी के मुखिया कर्नल धनीराम शांडिल ने मीडिया से बातचीत में महिलाओं की आयु व अन्य बिंदुओं को सांझा किया. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार हिमाचल में महिलाओं की आबादी 33.82 लाख है. आंकड़े बताते हैं कि 18 से 60 साल की आयु वर्ग में 2022 तक कुल 22 लाख, 40492 महिलाएं थी. कैबिनेट मंत्री ने कर्नल शांडिल बताया कि पहले चरण में 18 से 25 साल तक की महिलाओं को 1500 देने पर फैसला हो सकता है, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय सीएम सुखविंदर सिंह की अगुवाई में कैबिनेट ने लेना है.
ये भी कहा जा रहा है कि उक्त गारंटी को पूरा करने के लिए मापदंड बनाए जाएंगे. इसके लिए सालाना 75000 रुपये की आय को कसौटी बनाया जाएगा. ऐसा हुआ तो पहले चरण में 18 से 25 साल के बीच सिर्फ 2 लाख, 28655 महिलाओं को ही ये लाभ देना होगा. इससे सालाना खर्च 411 करोड़ रुपए तक सीमित हो जाएगा. यदि सभी महिलाओं को ये लाभ देना हो तो सरकार को सालाना 2522 करोड़ रुपए चाहिए और ये रकम देना सरकार के लिए कठिन होगा. हिमाचल में इस समय उक्त आयु वर्ग की आठ लाख महिलाओं को अलग-अलग सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिलती है.
उन्हें इस सूची में शामिल नहीं किया जाएगा. यदि केवल पहले चरण में 18 साल से 25 साल की महिलाओं को लिया गया तो उनकी कुल संख्या 4,57,309 है. यदि 75 हजार सालाना रुपए की शर्त लग गई तो यह संख्या घटकर करीब आधी हो जाएगी. यदि सभी को मुख्यमंत्री नारी सम्मान राशि देनी हो तो ये आंकड़ा 14 लाख से अधिक महिलाओं का होगा. यही कारण है कि अब लोग सोशल मीडिया पर इस बारे में तरह-तरह की चर्चा करने लगे हैं. देखना है कि सुखविंदर सिंह सरकार इस गारंटी को कैसे लागू करेगी.
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