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आइस स्केटिंग का रोमांच बरकरार, शिमला के रिंक में बड़ी तादाद में पहुंच रहे लोग, अब तक 20 सेशन

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 15, 2024, 10:48 AM IST

Updated : Jan 15, 2024, 2:31 PM IST

Shimla Ice Skating Rink: शिमला में आइस स्केटिंग रिंक का रोमांच इन दिनों चरम पर है. स्थानीय लोगों संग पर्यटक भी बड़ी तादाद में आइस स्केटिंग रिंक में पहुंच रहे हैं. बच्चों से लेकर बूढ़े सभी आइस स्केटिंग का आनंद ले रहे हैं. सुबह और शाम रिंक में दो सेशन करवाए जा रहे हैं. अब तक इस सीजन के 20 सेशन हो चुके हैं.

Shimla Ice Skating Rink
Shimla Ice Skating Rink

शिमला में आइस स्केटिंग का रोमांच

शिमला: 'पहाड़ों की रानी' शिमला में भले ही बर्फबारी नहीं हो रही है, लेकिन बर्फ के साथ अठखेलियां करने वालों का यह शौक शिमला का आइस स्केटिंग रिंक पूरा कर रहा है. मौसम साफ होने के चलते पूरे रिंक में काफी अच्छी बर्फ जम गई है. जहां पर सुबह शाम बच्चों से लेकर बूढ़े स्केटिंग करते हुए नजर आते हैं. इस रिंक में काफी तादाद में पर्यटक भी स्केटिंग करने पहुंच रहे हैं. सुबह और शाम दो-दो घंटे तक यहां पर स्केटिंग करवाई जा रही है.

इस सीजन में अब तक 20 सेशन: इसके साथ ही स्केटिंग रिंक में आइस हॉकी सहित अन्य खेलों का आयोजन भी किया जा रहा है. इस सीजन में अब तक 20 सेशन स्केटिंग के हो चुके हैं और आगे भी जिस तरह से मौसम साफ बना हुआ है तो इस बार स्केटिंग के ज्यादा सेशन होने की उम्मीद लगाई जा रही है. आइस स्केटिंग में विभिन्न गतिविधियां होती हैं जैसे कि फिगर स्केटिंग, स्पीड स्केटिंग और आइस हॉकी जो शिमला में पर्यटकों और स्थानीय लोगों को हर साल सर्दी के मौसम में उपलब्ध रहती है.

शिमला आइस स्केटिंग रिंक की टाइमिंग: शिमला आइस स्केटिंग क्लब के सचिव मंजीत सिंह ने बताया कि शिमला के लक्कड़ बाजार में 1920 में आइस स्केटिंग रिंक का निर्माण हुआ था और यह साउथ एशिया का एकलौता प्राकृतिक आइस स्केटिंग रिंक है. इस आइस स्केटिंग रिंक में कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई गई हैं. रिंक में सर्दी में मौसम साफ होने पर प्राकृतिक तरीके से बर्फ जमाई जाती है. इस साल भी रिंक में बर्फ जमने के साथ ही प्रतिदिन 2 सेशन में लोगों और पर्यटकों को आइस स्केटिंग करवाई जा रही है. रोज सुबह 8 से 10 बजे और शाम को 6 से 8 बजे तक बच्चों से लेकर बुजुर्ग आइस स्केटिंग का आनंद उठा रहे हैं. आइस स्केटिंग रिंक की मैनेजमेंट का जिम्मा शिमला आइस स्केटिंग क्लब के पास है. जिसके संरक्षक डीसी शिमला हैं और शहर के अन्य लोग क्लब की कार्यकारिणी के सदस्य हैं जो क्लब को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं. इसके अलावा शहर के बहुत सारे लोग क्लब के आजीवन सदस्य हैं.

शिमला आइस स्केटिंग रिंक

आइस स्केटिंग के लिए शिमला बेहद उपयुक्त: क्लब के सचिव मंजीत सिंह ने बताया कि शिमला आइस स्केटिंग के लिए बेहद उपयुक्त स्थान है. यहां का मौसम अन्य राज्यों से ठंडा ही रहता है, जोकि ऑल वेदर आइस स्केटिंग रिंक के लिए भी बिलकुल सही है. शिमला में आसानी से लोग सड़क, रेल और फ्लाइट से पहुंच सकते हैं. यहां पर आइस हॉकी और आइस स्केटिंग की प्रतियोगिताएं भी आयोजित करवाई जाती हैं. शिमला में अच्छे होटल भी उपलब्ध हैं, जहां अन्य देशों से आने वाले पर्यटक और खिलाड़ियों को रुकने की बेहतर सुविधा उपलब्ध है.

शिमला आइस स्केटिंग रिंक की फीस: आइस स्केटिंग करने के लिए दूर-दूर से पर्यटक शिमला आते हैं. पर्यटकों के साथ स्थानीय लोग भी हर सर्दी के मौसम में आइस स्केटिंग के शुरु होने का बेसब्री से इंतजार करते हैं. अन्य राज्यों में भी आइस स्केटिंग का प्रावधान है परन्तु वहां इसके लिए अच्छे खासे पैसे खर्च करने पड़ते हैं. वहीं, यह सुविधा पर्यटकों को शिमला में मात्रा ₹300 प्रति सेशन के हिसाब से आसानी से मिल जाती है. जिससे न केवल आइस स्केटिंग के शौकीन लोग शिमला खींचे चले आते हैं, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होती है, लेकिन शिमला में प्राकृतिक तरीके से ही बर्फ जमाने से आइस स्केटिंग मौसम की मेहरबानी पर निर्भर रहती है जिससे पर्यटन और अर्थव्यवस्था सिमित रह जाती है.

आइस स्केटिंग करते हुए पर्यटक

7 वर्षीय कौसवी सीख रही आइस स्केटिंग: शिमला की 7 वर्षीय कौसवी ने बताया कि उन्होंने इस साल पहली बार आइस स्केटिंग करना शुरू किया है. आजकल शिमला के स्कूलों में छुट्टियां होने के कारण वह सुबह और शाम दोनों सेशन में आइस स्केटिंग कर रही हैं और इस खेल की बारीकियां सिख रही हैं. कौसवी ने बताया कि आइस स्केटिंग के रूप में उन्हें एक नई गतिविधि मिली है, जिसे सीखने में उन्हें बहुत मजा आ रहा है.

हर उम्र के लोग पहुंच रहे आइस स्केटिंग के लिए: सरकारी नौकरी से रिटायर 60 वर्षीय राजेश गुप्ता ने बताया कि वह पिछले 2 साल से शिमला आइस स्केटिंग रिंक में स्केटिंग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह हर साल शिमला आइस स्केटिंग रिंक में बर्फ जमने का बेसब्री से इंतजार करते हैं. आइस स्केटिंग का शौंक ही है जो वह इस उम्र में भी हर रोज कड़कड़ाती ठंड में यहां स्केटिंग करने आते हैं. आइस स्केटिंग उनके लिए कसरत का कार्य करती है, जिससे वह खुद को तंदुरुस्त महसूस करते हैं. उन्होंने कहा कि आल वेदर आइस स्केटिंग रिंक बनने से युवाओं का ध्यान नशे की बजाय आइस स्केटिंग की गतिविधियों की ओर आकर्षित होगा. शिमला आइस स्केटिंग रिंक एक लैंडमार्क है, जोकि कुदरत की देन है और हमें इसे संजो कर रखना है.

आइस हॉकी खेलते पर्यटक

इसी प्रकार, वन विभाग से रिटायर जीडी नेगी ने बताया कि वह 1991 से लगातार हर साल आइस स्केटिंग कर रहे हैं और वह शिमला आइस स्केटिंग क्लब के लाइफ मेंबर हैं. उन्होंने बताया कि आइस हॉकी को विश्व का सबसे तेज खेल माना जाता है. आल वेदर आइस स्केटिंग रिंक बनने से शिमला में आइस हॉकी और बेहतर हो जाएगा. आइस हॉकी अंतर्राष्ट्रीय इवेंट है, जिसमें युवा अपना बेहतर करियर बना सकते हैं और आगे चलकर प्रदेश और देश का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर सकेंगे.

आल वेदर आइस स्केटिंग रिंक की मांग: ग्लोबल वार्मिंग की वजह से मौसम में काफी बदलाव आया है जिससे प्राकृतिक तरीके से शिमला आइस स्टेकिंग रिंक में बर्फ जमाने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा शिमला में पिछले कुछ सालों से बर्फबारी भी समय पर नहीं होती या फिर काफी कम होती है, इसलिए आइस स्केटिंग रिंक को जीवित रखने के लिए आल वेदर आइस स्केटिंग रिंक की आवश्यक है. आल वेदर आइस स्केटिंग रिंक बनने से आइस स्केटिंग के लिए मौसम पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा जिससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी और कई लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा.

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Last Updated : Jan 15, 2024, 2:31 PM IST

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