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सर्वे रिपोर्ट: चौंकाने वाला है प्रदेश में 18 साल की उम्र से पहले शादी करने वाली युवतियों का आंकड़ा

बीते दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2019-20 की पांचवीं रिपोर्ट का पहला हिस्सा जारी किया. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य द्वारा किए गए इस सर्वे में हिमाचल प्रदेश में लड़के-लड़कियों की 21 और 18 साल की उम्र से पहले शादी करने को लेकर भी सर्वेक्षण किया गया जिसमें प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों से आंकड़े एकत्रित किए गए हैं. हिमाचल प्रदेश में कानूनी उम्र से पहले शादी करने के विषय में कुछ जिलों से चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं.

NFHS REPORT ON MARRIAGE AGE IN HIMACHAL PRADESH
हिमाचल प्रदेश में 18 साल की उम्र से पहले शादी करने वाली युवतियों का आंकडा चौंकाने वाला, NFHS के सर्वेक्षण में सामने आए आंकड़े...

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Published : Dec 20, 2020, 9:20 PM IST

शिमला:बीते दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2019-20 की पांचवीं रिपोर्ट का पहला हिस्सा जारी किया. यह सर्वेक्षण हिमाचल में साल 2019 में 16 जुलाई से 5 नवंबर के बीच किया गया. इस सर्वे की जानकारी 10,696 परिवारों, 10,368 महिलाओं और 1477 पुरुषों से ली गई.

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य द्वारा किए गए इस सर्वे में हिमाचल प्रदेश में लड़के-लड़कियों की 21 और 18 साल की उम्र से पहले शादी करने को लेकर भी सर्वेक्षण किया गया जिसमें प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों से आंकड़े एकत्रित किए गए हैं.

जहां केंद्र सरकार एक ओर शादी की उम्र को कानूनी रूप से बढ़ाने के विषय में विचार कर रही है. वहीं, दूसरी ओर करीब 90 फीसदी साक्षरता दर वाले राज्य हिमाचल प्रदेश में कानूनी उम्र से पहले शादी करने के विषय में कुछ जिलों से चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं.

किन्नौर में लड़कियों की कम उम्र में हो रही शादी

प्रदेश में 18 साल की उम्र से पहले शादी करने वाली लड़कियां जिनकी उम्र सर्वे के दौरान 20 से 24 साल की थी. सर्वे के मुताबिक, प्रदेश में ऐसी लड़कियों की तादाद 5.4 फीसदी है. ग्रामीण इलाकों में ऐसी लड़कियों का आंकड़ा 5.1 फीसदी है जबकि शहरी इलाकों में यह आंकड़ा 7.2 फीसदी है.

18 साल से कम उम्र में विवाह करने वाली लड़कियों की संख्या जनजातीय जिला किन्नौर में सबसे अधिक 27.9% है. जबकि प्रदेश में सबसे अधिक जनसंख्या वाले जिला कांगड़ा में सबसे कम 1.5% है.

ये आंकड़ा सर्वे के वक्त 20 से 24 साल की उन महिलाओं के आधार पर तैयार किया गया है जिनकी शादी 18 साल से पहले हो गई थी.

जिला प्रतिशत
बिलासपुर 10.0
चंबा 3.8
हमीरपुर 3.5
कांगड़ा 1.5
किन्नौर 27.9
लाहौल-स्पीति 11.2
कुल्लू 8.7
मंडी 6.3
शिमला 6.1
सिरमौर 5.0
सोलन 13.3
ऊना 1.6

इससे पहले साल 2015-16 में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण में यह आंकड़ा 8.6 फीसदी था. यानी 18 साल से कम उम्र में विवाह करने वाली लड़कियों के आंकडों में बीते 3-4 सालों में गिरावट दर्ज की गयी है लेकिन बावजूद इसके करीब 90 फीसदी साक्षरता वाले राज्य में इस आंकड़े को संतोषजनक नहीं माना जा सकता.


लड़कों की शादी भी हो रही उम्र से पहले

कानून के मुताबिक, लड़कों की शादी उम्र 21 साल है लेकिन हिमाचल में आज भी लड़कों की शादी भी जल्दी हो रही है. सर्वे के दौरान 25 से 29 साल के लड़कों को शामिल किया गया जिनकी शादी 21 साल से पहले हो गई. ऐसे लड़कों की तादाद प्रदेश में 4.6 फीसदी थी. इनमें से भी 4.1 फीसदी लड़के ग्रामीण इलाकों से संबंध रखते हैं.

प्रदेश में महिलाओं की प्रजनन दर

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2019-20 की पांचवीं रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में शिशु प्रति महिला की प्रजनन दर के विषय में यह बात सामने आई कि ग्रामीण इलाकों में यह दर 1.7 है जबकि शहरी इलाकों में 1.4 है. सर्वेक्षण के मुताबिक, प्रदेश में शिशु प्रति महिला की प्रजनन दर 1.7 है. यानी प्रदेश में हर महिला औसतन 1.7 बच्चों को जन्म देती है.

कम उम्र में ही मां बन रही युवतियां

इसके अलावा राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के दौरान 15 साल से 19 साल की 3.4 फीसदी युवतियां ऐसी थी जो या तो गर्भवती थीं या मां बन चुकी थीं. यानी 3.4 फीसदी युवतियों ने शादी की कानूनी उम्र या उससे पहले मां बन गईं थी या वो गर्भवती थीं. सर्वे के मुताबिक, ग्रामीण स्तर पर ऐसी युवतियों की तादाद 3.3 फीसदी और शहरी इलाकों में 4.5 फीसदी है.

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