शिमला: मानसून सत्र शनिवार को अनिश्चित कालीन के लिए स्थगित हो गया. इस दौरान कई बार सदन में पक्ष विपक्ष में तीखी नोकझोक देखने को मिली. विपक्ष ने कई मुद्दों पर सदन से वाकआउट भी किया. सदन समाप्ति पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 11 दिन के सत्र में कई बार विपक्ष हमलावर रहा, लेकिन किसी का इरादा व्यक्तिगत नहींं रहा.
नियम 101 के तहत सवालों को बांटने पर सदन में सुझाव भी दिए गए. मुकेश ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का संरक्षण विपक्ष को मिलता रहा और वे आशा करते है कि भविष्य में भी हमेशा ऐसा ही संरक्षण मिलता रहे.
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मुकेश ने कहा कि विपक्ष का बाहर जाना, वॉक आउट करना विपक्ष का सरकार के खिलाफ दबाव बनाने का तरीका है. उन्होंने कहा कि सदन में होटलों के विनिवेश पर विपक्ष का लगातार दबाव काम आया और होटल बिकने से बच जाए ऐसी उम्मीद की जा सकती है.
कांग्रेस विधायक सतपाल रायजादा मामले में भी सरकार को झुकना पड़ा और जांच के निर्देश देने पड़े. इसके अलावा सदन में पेंशन का मामला , ओउट्सोर्स कर्मियों का मामला और ट्रिब्यूनल का मामला विपक्ष ने प्रमुखता से उठाया है. मुकेश ने कहा कि बीजेपी जब विपक्ष में होती थी तो पूरा सत्र नारेबाजी में निकाल देती थी लेकिन हम किसी मुद्दे पर वाकआउट करते थे तो दोबारा चर्चा में भाग लेने के लिए सदन में आ जाते थे जिसके चलते ही इतने ज्यादा प्रश्न और चर्चा संभव हो पाई है. मुकेश ने कहा की सदन में एक नई व्यवस्था की शुरुआत की जाए और सदन की कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाए ताकि प्रदेश के लोग सीधा प्रसारण देख सके.