सोलन/शिमला:सरकार से सब्सिडी न मिलने को लेकर आज हिमाचल प्रदेश के सभी अस्पतालों में लाहौल स्पीति और किन्नौर को छोड़कर क्रसना लैब ने अपनी लैब बंद कर दी है. जिस कारण लोगों को निजी लैबों में जाकर टेस्ट करवाने पड़ रहे हैं और अस्पताल में सुबह से ही लंबी लाइन लगी हुई है. अस्पताल में टेस्ट सुविधा ना मिलने को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा कि क्रसना कंपनी का काम संतोषजनक नहीं है जहां तक उनकी देनदारी का सवाल है वह उन्हें दी जाएगी, लेकिन अगर वो छोड़ना चाहते हैं तो हमें कोई असर नहीं पड़ेगा.
स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा कि प्रदेश सरकार की जितनी भी लैब हैं वह सक्षम हैं. लोगों को बेहतर सुविधा दी जाए, लेकिन लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं आने दी जाएगी. बता दें कि हिमाचल प्रदेश में आज क्रसना लैब द्वारा लाहौल स्पीति और किन्नौर को छोड़कर सभी बड़े अस्पतालों में क्रसना लैब द्वारा टेस्ट सुविधा को बंद कर दिया गया है जिस कारण सुबह से ही अस्पताल में टेस्ट की सुविधा लोगों को नहीं मिल पा रही है.
हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला में रोजाना 4000 से ज्यादा मरीज पहुंचते हैं, इसी तरह अन्य मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में रोजाना 500 से 2000 और इससे ज्यादा की ओपीडी अस्पताल में होती है, लेकिन टेस्ट सुविधा न मिलने के चलते लोगों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. क्रसना प्रबंधन ने अपने नोटिस में स्पष्ट किया है कि जब तक पेमेंट का भुगतान नहीं हो जाता, तब तक काम पर नहीं लौटेंगे. कंपनी प्रबंधन की मानें तो करीब 40 करोड़ की पेमेंट पेडिंग है. वहीं, NHM की मिशन निदेशक प्रियंका वर्मा ने बताया कि कंपनी के साथ कुछ मामले लंबित हैं. कंपनी के साथ बात कर मामले सुलझा लिए जाएंगे.