शिमला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला में अब मरीजों की सेहत के लिए नए नियम बनाए हैं. इस नियम के अनुसार आईजीएमसी अस्पताल में दाखिल मरीजों को अब डॉक्टर द्वारा प्रिसक्राइब खाना मिलना शुरू हो गया है. मेस में तैनात डाइटिशियन मरीजों को लिखे गए खाने के आधार पर डाइट चार्ट तैयार कर और डाइट के आधार पर खाना मरीजों को दिया जा रहा है.
अब तक थी ये व्यवस्था: अभी तक आईजीएमसी शिमला में उपचार के लिए दाखिल मरीजों को पूछा जाता है कि खाना अस्पताल से लेंगे या घर से लाएंगे. जो मरीज अस्पताल से खाना लगवाते हैं, उनका रोस्टर आईजीएमसी मेस में डायटीशियन को भेज दिया जाता था. सुबह ब्रेक फ़ास्ट, दिन में लंच और शाम को डिनर के लिए मेस से कर्मचारी आ कर मरीज को चावल, दाल, सब्जी, रोटी दे कर चले जाते थे. ये मरीजों के ऊपर निर्भर करता था कि वह चावल खाना चाहते हैं या रोटी.
अब होगी ये व्यवस्था: आईजीएमसी शिमला में अब दाखिल मरीजों को चिकित्सकों द्वारा बताया गया खाना ही अस्पताल से मिलेगा. दाखिल मरीज को चिकित्सक बताएंगे कि क्या खाना है. उसके बाद वार्ड में ड्यूटी पर तैनात नर्स खाने का रोस्टर बना कर मेस में डाइटीशियन को भेजेगी डाइटीशियन डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर ही मरीजों को खाना देगा. यानी जिसको चिकित्सक चावल खाने को मना करेंगे, उसे चावल नहीं दिया जाएगा और जिसको रोटी के लिए मना करेंगे, उसे रोटी नहीं दी जाएगी. इसी तरह अंडा, ब्रेड भी डॉक्टर की सलाह पर ही मरीजों को दिया जाएगा.
लगभग 800 मरीज रहते हैं दाखिल: आईजीएमसी शिमला के विभिन्न वार्डों में रोजाना लगभग 800 मरीज दाखिल रहते हैं. जिन्हें आईजीएमसी में सरकारी मेस से ही खाना दिया जाता है. कोरोना काल में कोविड पॉजिटिव मरीजों को भी बेहतर खाना दिया जाता था, जिससे मरीजों को अच्छी डाइट मिल पाई थी. इस संबंध में आईजीएमसी में मैट्रन व मेस इंचार्ज हरिप्रिया ने बताया कि दाखिल मरीजों को न्यूट्रिशन डाइट मिले इसके लिए अब मरीजों को चिकित्सकों व डाइटीशियन द्वारा बताया गया खाना ही दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अभी हाल ही में आईजीएमसी शिमला में मरीजों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ये नियम बनाकर इसकी शुरुआत की गई है. ये भी पढ़ें:IGMC Shimla: हाईटेक जमाने में पिछड़ा प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल, Online Transaction की सुविधा तक नहीं, नकद नहीं तो दवाई भी नहीं देते दुकानदार