शिमला:ये डॉक्टर्स बेशक मरीजों के दांतों का इलाज करते हैं, लेकिन उनसे प्रदेश भर में पेड़ों की एक पीड़ा नहीं देखी गई. पेड़ों को ये पीड़ा कंटीली तारों व नुकीली कीलों के जरिए दी जा रही है. आहत होकर सुंदरनगर के डेंटल डॉक्टर्स ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम एक ई-मेल डालकर इन पेड़ों की पीड़ा उजागर की. हाईकोर्ट ने प्रशासन की इस प्रवृत्ति का कड़ा संज्ञान लिया और ई-मेल को जनहित याचिका में तब्दील कर सभी जिलों के डीसी से जवाब तलब कर लिया. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य भर में पेड़ों को नुकीली तारों व कीलों से जख्म देने पर सख्ती दिखाई है.
यही नहीं, हाईकोर्ट ने मामले में सभी जिलों के डीसी को प्रतिवादी भी बनाया है. उल्लेखनीय है कि हाल ही में शिमला में भी न्यू इयर व विंटर कार्निवाल सेलिब्रेशन के लिए रिज मैदान व माल रोड पर पेड़ों को क्लैंप लगाकर तारें जड़ दी गई थी. ये तारें अभी भी रिज मैदान के पेड़ पर देखी जा सकती हैं. हाईकोर्ट ने ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए राज्य के सभी जिलाधीशों से जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने जनहित याचिका पर कड़ा संज्ञान लिया है. हाईकोर्ट के सीजे के नाम लिखी ईमेल में आरोप लगाया गया है कि पेड़ों पर कीलें ठोक कर होर्डिंग आदि लटकाए जा रहे हैं. ये भी लिखा गया कि तरह तरह की तारों से पेड़ों को जकडऩे से हरे भरे पेड़ों को बहुत नुकसान पहुंच रहा है.