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Himachal Monsoon Session: मानसून सत्र में हंगामे के आसार, इन मुद्दों पर होगी बहस, पुलिस की 6 कंपनियां संभालेंगी सुरक्षा जिम्मा

18 सितंबर को हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है. सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों को लेकर हंगामे के पूरे आसार हैं. सत्ता पक्ष और विपक्ष में कई मुद्दों पर बहस होगी. वहीं, पुलिस ने भी विधानसभा सत्र के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं. (Himachal Monsoon Session 2023)

Himachal Monsoon Session 2023
हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र 2023

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 17, 2023, 9:40 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार, 18 सितंबर से शुरू हो रहा है. एक सप्ताह तक चलने वाले विधानसभा सत्र में हंगामा होने के पूरे आसार है. सत्र में प्रदेश में आई आपदा और इससे हुए नुकसान, बंद सड़कों, बागवानों के मुद्दों के साथ-साथ सरकार की गारंटियां भी सदन में गूजेंगी. विपक्ष की ओर से सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश होगी तो वहीं, सता पक्ष की ओर से भी इसके जवाब दिए जाएंगे. इसके आलावा पुलिस द्वारा भी सत्र के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं.

हंगामेदार होगा सत्र: विधानसभा के मानसून सत्र में इस बार प्रदेश में आई आपदा और इससे लोगों को हुई दिक्कतों पर सवाल-जवाब होंगे. विपक्ष आपदा से प्रभावित लोगों को आ रही मुश्किलों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा. इससे पहले ही विपक्ष आरोप लगाता रहा है कि सरकार की ओर से केवल घोषणाएं ही की जा रही हैं, जमीनी स्तर पर प्रभावितों के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा है. वहीं, सता पक्ष आपदा प्रभावितों के लिए सरकार के लिए फैसलों और कार्यों पर सरकार की पीठ थपथपाएगा. प्रभावितों के लिए आपदा राहत राशि बढ़ाने, राहत शिविरों में रहने वालों के लिए किराया देने सहित कई फैसले हैं, जिन पर सत्ता पक्ष सरकार का बचाव करेगा.

हिमाचल प्रदेश विधानसभा

आपदा के मुद्दों पर होगी बहस: इसी तरह प्रदेश में आपदा के बाद बंद सड़कों और इससे बागवानों को होने वाली दिक्कतों को भी विपक्ष सदन में जोरदार तरीके से उठाएगा. इसको लेकर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश विपक्ष की रहेगी. प्रदेश में अभी भी कुछ सड़कें बंद हैं. केंद्र सरकार की ओर से राहत पैकेज को लेकर सदन में सता पक्ष और विपक्ष के बीच गहमागहमी होने के आसार है. कांग्रेस और सरकार लगातार यह कह रही है कि केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल को विशेष राहत पैकेज नहीं मिला है. वहीं, विपक्ष की ओर से केंद्र की ओर से हर संभव आर्थिक मदद देने की बात की जा रही है. प्रदेश में आई त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की गूंज सुनाई देने की संभावना है.

सरकार को गारंटियों पर घेरेगी भाजपा: कांग्रेस द्वारा चुनाव के दौरान दी गई गारंटियों को भाजपा विधानसभा सत्र में उठाएगी. भाजपा कांग्रेस पर प्रदेश की जनता को गारंटियों के नाम पर गुमराह करने के आरोप लगाती रही है. प्रदेश में महिलाओं को 1500 रुपए का मसला हो या एक लाख रोजगार देने का मसला हो, विपक्ष इन मुद्दों पर सत्ता पक्ष को घेरेगा. प्रदेश में सुखविंदर सरकार बनते ही कर्मचारी चयन आयोग भंग कर दिया गया, इसके बाद प्रदेश में भर्तियां नहीं हो पाई है, वहीं पहले से चल रही भर्तियों में अधिकांश लटकी हुई हैं. हालांकि अब सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग की जगह हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग गठित करने का फैसला लिया है, लेकिन अभी भी इसके क्रियाशील होने में वक्त लग सकता है. ऐसे में भर्तियों का मामला सदन में गूंजने के पूरे आसार है. प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर भी विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश करेगा.

हिमाचल विधानसभा सत्र में 6 कंपनियां संभालेगी सुरक्षा जिम्मा

6 कंपनियां संभालेगी सुरक्षा जिम्मा: हिमाचल प्रदेश विधानसभा सत्र के लिए पुलिस ने सुरक्षा के प्रबंध पुख्ता कर लिए हैं. पुलिस की 6 कंपनियां यहां तैनात की गई हैं. सत्र के दौरान बालूगंज से शिमला के लिए सुबह नौ से 11 बजे तक ट्रैफिक बंद रहेगा. बालूगंज से शिमला मार्ग पर विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान केवल आपातकालीन वाहनों और स्कूलों के वाहनों को आने जाने की अनुमति होगी. जबकि सामान्य वाहनों का ट्रैफिक रेलवे स्टेशन रोड की तरफ से डायवर्ट किया गया है. इस दौरान गाड़ियों की पार्किंग के लिए भी पास जारी होंगे. मंत्रियों, अधिकारियों के पार्किंग की अलग अलग व्यवस्था रहेगी. इसके अलावा प्रेस की गाड़ियों के लिए भी अलग से पार्किंग होगी. बिना पास वाले वाहनों को पार्किंग में एंट्री नहीं दी जाएगी.

हिमाचल पुलिस ने मानसून सत्र में पुख्ता किए सुरक्षा इंतजाम

पास के बिना विधानसभा में एंट्री नहीं: इसके अलावा स्टेट सीआईडी और विजिलेंस के अधिकारी और जवान सादे कपड़ों में तैनात रहेंगे. विधानसभा और शिमला शहर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा लगाया गया है. विधानसभा सत्र के दौरान पुलिस हर गतिविधि पर पुलिस की पैनी निगाह रहेगी. विधानसभा सचिवालय में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिए एक विशेष कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है. मानसून सत्र के दौरान बिना पास और स्क्रीनिंग के कोई भी विधानसभा परिसर में एंट्री नहीं कर पाएगा.

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