शिमला: हिमाचल किसान सभा प्रदेश की मंडियों में आढ़तियों व खरीददारों के पास किसानों व बागवानों के सैकड़ों करोड़ रुपये फंसे होने के कारण काफी परेशान है. इस मामले में किसान सभा ने सरकार के ढुलमुल रवैये को लेकर कड़ी चिंता व्यक्त की. हिमाचल किसान सभा जिला शिमला के अध्यक्ष सत्यवान पुंडीर ने शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है. साथ ही जल्द से जल्द किसानों और बागवानों के वर्षों से बकाया पैसे दिलाने की मांग की है.
सत्यवान पुंडीर ने कहा कि प्रदेश की मंडियों में एपीएमसी कानून, 2005 की खुली अवहेलना कर आढ़तियों और खरीददारों के द्वारा इसकी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और सरकार मूकदर्शक बनकर बैठी है. उन्होंने कहा कि इससे सरकार का किसान विरोधी व दोषी आढ़तियों व खरीददारों के प्रति सहानुभूति पूर्ण रवैया स्पष्ट होता है. उन्होंने कहा कि राजिंदर चौहान जो कोटखाई के निवासी हैं उनके द्वारा जो तथ्य प्रस्तुत किए गए हैं उससे स्पष्ट है कि सरकार दोषी आढ़तियों व खरीददारों के प्रति कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.
राजिंदर चौहान ने स्पष्ट किया कि वह एक छोटे किसान हैं और वर्ष 2005 से आढ़ती के पास करीब 70,000 रुपये बकाया हैं, लेकिन उसका भुगतान आज तक नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि उल्टे में पैसे नहीं देने को लेकर उन्हें धमकियां भी दी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि 2006 में कंज्यूमर फोरम में गया और 2010 में सिविल कोर्ट ठियोग (civil court theog) में मामला शिफ्ट किया गया. उन्होंने कहा कि '29 दिसंबर 2012 को कोर्ट का निर्णय मेरे पक्ष में आया और कोर्ट ने 90,000 का भुगतान करने का आदेश पारित किया, लेकिन आढ़ती रतन सिंह पाल ने इस कोर्ट के आदेश को भी नहीं माना और मेरे पैसे आज तक नहीं दिए हैं.'