शिमला:हिमाचल प्रदेश में इस साल अवैध तौर पर नदियों से माइनिंग के केस बढ़े हैं. पिछले पूरे साल जहां माइनिंग के कुल 6,686 चालान हुए थे, वहीं, इस साल 31 जुलाई 2023 तक 4,360 चालान अवैध खनन के किए हैं. इन आंकडों से साफ है कि इस साल माइनिंग के केस काफी ज्यादा बढ़े हैं. महज सात महीनों में भी आंकड़ा काफी ज्यादा हाे गया है.
हिमाचल पुलिस की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा अवैध खनन के मामले मंडी जिला में सामने आ रहे हैं. यहां पर पुलिस ने अब तक 583 चालान किए हैं. इसी तरह दूसरे नंबर पर ऊना जिला हैं, यहां पर 580 चालान किए गए हैं. तीसरे नंबर पर कांगड़ा जिला है, यहां 511 चालान किए गए. नुरपूर में 471, सिरमौर 448, चंबा 433, बीबीएन 306, कुल्लू 199, किन्नौर 156, बिलासपुर 143, शिमला 78 और सोलन में 40 चालान किए गए हैं.
इस दौरान पुलिस ने 3506 कंपाउंड करके 2 करोड़ 71 लाख 64 हजार जुर्माना वसूला है. जबकि वर्ष 2022 में कुल 3 करोड़ 61 लाख 64 हजार का जुर्माना वसूला गया था. पुलिस का कहना है कि इस साल 1234 गाड़ियों को पकड़ा गया है. डीजीपी संजय कुंडू का कहना है कि अवैध माइनिंग करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. उनका कहना है कि पुलिस की कार्रवाई इसी तरह लगातार जारी रहेगी.
राज्य सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न स्थानों पर उड़न दस्ते तैनात किए हैं. बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में अवैध खनन की जांच के लिए खनन कर्मचारी ऐसे क्षेत्रों में निरंतर छापेमारी कर रहे हैं. अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए खनन विभाग के अधिकारी अंतरराज्यीय सीमाओं पर खनन माफिया द्वारा बनाई गई अवैध सड़कों को बाधित कर इनकी खड्डों तक पहुंच को रोकने की दिशा में भी काम हो रहा है. डीजीपी संजय कुंडू ने मामले में पुष्टि की है.
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