शिमला: जिला ऊना में इंडियन ऑयल कारपोरेशन के बॉटलिंग प्लांट को खाली करने से जुड़े मामले में हिमाचल हाईकोर्ट ने दि न्यू हिमाचल हैवी मीडियम एंड लाइट गुड्स ट्रक्स को-ऑपरेटिव सोसायटी के प्रधान को अवमानना का दोषी पाया है. अदालत ने सोसायटी के प्रधान अविनाश मेनन के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश जारी किए हैं. इसके लिए हाईकोर्ट ने अविनाश मेनन को 7 अगस्त को अदालत में हाजिर रहने के आदेश दिए हैं. उल्लेखनीय है कि अदालत ने दि न्यू हिमाचल हैवी मीडियम एंड लाइट गुड्स ट्रक्स को-ऑपरेटिव सोसाइटी ऊना को इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन बॉटलिंग प्लांट परिसर को खाली करने के आदेश दिए थे.
सोसाइटी को अपने ट्रक हटाकर यह परिसर 30 अप्रैल तक खाली करने को कहा गया था. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने अविनाश मेनन को प्रथम दृष्टया अदालती आदेशों की अवहेलना का दोषी पाया. खंडपीठ ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के आवेदन पर पारित आदेशों में रजिस्ट्रार सोसायटी को कहा था कि वह उपरोक्त सोसायटी को अपने अधीन लेते हुए वहां प्रशासक यानी एडमिनिस्ट्रेटर की नियुक्ति करे. इसके अलावा अदालत ने डीजीपी को आदेश दिए कि वह बॉटलिंग प्लांट की सुरक्षा के लिए एसपी के साथ 50 सुरक्षा कर्मियों की तैनाती करे.
अपने आदेश में अदालत ने सोसाइटी को चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि उन्होंने अपने ट्रक 30 अप्रैल तक प्लांट परिसर से नहीं हटाए तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. ऐसा न करने की सूरत में हाईकोर्ट ने सोसाइटी के पदाधिकारियों और सदस्यों के खिलाफ अवमानना का मामला भी दर्ज करने की बात कही थी. सोसाइटी को आदेश दिए थे कि वह बॉटलिंग प्लांट में 1 मई से नए ट्रांसपोर्टस के ट्रकों की आवाजाही में किसी प्रकार की कोई बाधा पैदा न करे. सोसाइटी को सिलेंडर डिस्ट्रीब्यूटरों से इकट्ठे किए गए खाली सिलेंडरों को भी शांतिपूर्वक कंपनी को सौंपने के आदेश दिए गए थे.