शिमला:हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां की रहने वाली निकिता चौधरी प्रदेश की पहली 'डॉक्टर ऑन व्हील चेयर' बनने जा रही हैं. साल 2022 में पहले ही अटेम्प्ट में निकिता चौधरी ने NEET की परीक्षा पास की और बता दिया कि दिव्यांगता कोई अभिशाप नहीं है. 19 साल की निकिता चौधरी टांडा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं. निकिता चौधरी व्हील चेयर पर रहकर ही अपना सारा काम करती हैं. व्हील चेयर पर ही वे रोजाना पढ़ाई के लिए भी टांडा मेडिकल कॉलेज जाती हैं. साल 2028 तक निकिता की पढ़ाई खत्म होगी और वे हिमाचल प्रदेश की पहली 'डॉक्टर ऑन व्हील चेयर' बन जाएंगी.
'दिव्यांग होने की वजह से नहीं मिली थी एडमिशन': टांडा मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेना भी उनके लिए आसान नहीं रहा. निकिता की दिव्यांगता की वजह से मेडिकल कॉलेज ने उन्हें पहले एडमिशन देने से इनकार कर दिया. बाद में निकिता को यह लड़ाई हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में जाकर लड़नी पड़ी.
डॉक्टर ने दी थी IAS बनने की सलाह: हिमाचल प्रदेश की पहली 'डॉक्टर ऑन व्हील चेयर' बनने जा रही निकिता चौधरी ने बताया कि जब उन्होंने टांडा मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए अप्लाई किया, तो वहां एक डॉक्टर ने उन्हें आईएएस बनने की सलाह दी. इस पर निकिता ने सोचा कि अगर वह खुद को ही न्याय नहीं दिलवा पा रही हैं, तो IAS बनकर भी लोगों के साथ कैसे न्याय करेंगी? इसके बाद उन्होंने ठानी कि उन्हें हर हाल में मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेकर डॉक्टर बनना है.