हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

हाटी समुदाय को ट्राइबल दर्जे से जुड़ी याचिकाओं पर जारी रहेगी सुनवाई, हाई कोर्ट में दाखिल हैं सात पिटीशन

Hearing on Himachal Hati community: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के गिरिपार के हाटी समुदाय को एसटी दर्जा देने के विरोध में दायर की गईं याचिकाओं पर प्रदेश उच्च न्यायालय में सुनवाई जारी रहेगी. बता दें कि हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा दिए जाने के विरोध में सात पिटीशन दाखिल हैं. पढ़ें पूरी खबर..

HIMACHAL HIGH COURT ON HATI COMMUNITY
हाटी समुदाय को ट्राइबल दर्जे से जुड़ी याचिकाओं पर जारी रहेगी सुनवाई,

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 18, 2023, 10:44 PM IST

शिमला:जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को जनजातीय का दर्जा दिए जाने से जुड़ी याचिकाओं पर मंगलवार को भी सुनवाई जारी रहेगी. इस मामले में हाई कोर्ट में सात याचिकाएं दाखिल हैं. इनमें से कुछ हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा दिए जाने के पक्ष में और कुछ इसके खिलाफ हैं. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ मामले की सुनवाई कर रही है. खंडपीठ ने सोमवार को भी सुनवाई की है.

दिलचस्प तथ्य ये है कि कुछ याचिकाएं ऐसी दाखिल की गई हैं, जिनमें जनजातीय दर्जा दिए जाने का विरोध किया जा रहा है. कुछ याचिकाएं हाटी समुदाय को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने के पक्ष में दाखिल की गई हैं. याचिकाओं के जरिए कुछ छात्रों और प्रतियोगी परीक्षाओं उतीर्ण हुए अभ्यर्थियों ने जनजातीय दर्जा से जुड़े प्रमाणपत्रों की मांग भी की है, जिससे वे आरक्षण का लाभ हासिल कर सकें. सोमवार को इन सभी मामलों पर सुनवाई पूरी नहीं हो सकी. इस पर खंडपीठ ने फैसला लिया कि मंगलवार को भी सुनवाई की जाएगी.

इस मामले में दाखिल की गई याचिकाओं में गिरिपार अनुसूचित जाति अधिकार संरक्षण समिति और गुर्जर समाज कल्याण परिषद जिला सिरमौर ने आरोप लगाया है कि बिना जनसंख्या सर्वेक्षण के ही गिरिपार इलाके को जनजातीय क्षेत्र घोषित कर दिया गया. परिषद का कहना है कि वे पहले से ही अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति से संबंध रखते है. आरोप है कि प्रदेश में कोई भी हाटी जनजाति नहीं है और आरक्षण का अधिकार हाटी समुदाय के नाम पर उच्च जाति के लोगों को भी दे दिया गया, जो कि कानूनी तौर पर गलत है. किसी भी भौगोलिक क्षेत्र को किसी समुदाय के नाम पर तब तक अनुसूचित जनजाति घोषित नहीं किया जा सकता, जब तक वह अनुसूचित जनजाति के रूप में सजातीय होने के मानदंड को पूरा नहीं करता हो.

देश में आरक्षण नीति के अनुसार अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग को पहले से ही मौजूदा कानून में क्रमश: 15 और 27 प्रतिशत रिजर्वेशन मिल रहा है. इससे उन्हें उच्च और आर्थिक रूप से संपन्न समुदाय के साथ प्रतिस्पर्धा करनी होगी. साथ ही पंचायती राज और शहरी निकाय संस्थानों में अनुसूचित जाति समुदायों के स्थान पर अब एसटी समुदाय को आरक्षण दिया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में सितंबर 2022 को हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के हाटी समुदाय को ट्राइबल स्टेट्स का ऐलान किया था. बाद में केंद्र सरकार ने 4 अगस्त को अधिसूचना जारी कर हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल कर दिया था. इस फैसले का गिरिपार की जनता ने स्वागत किया था, लेकिन बाद में ये मामला विवादों में आ गया. मामला अब हाई कोर्ट में है और 19 नवंबर को भी सुनवाई जारी रहेगी.

ये भी पढ़ें: हाटी समुदाय को जनजातीय का दर्जा देने के विरोध में एक और याचिका, हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

For All Latest Updates

ABOUT THE AUTHOR

...view details