शिमलाःगुड़िया बलात्कार और हत्या मामले में 28 अप्रैल को अंतिम सुनवाई होगी. शुक्रवार को भी इस मामले की जज राजीव भारद्वाज की कोर्ट में सुनवाई हुई. एक घंटे तक न्यायाधीश ने सारी दलीलें सुनीं.
वहीं, सुनवाई के दौरान आरोपी अनिल उर्फ नीलू के वकील ने भी सीबीआई जांच पर सवाल उठाए हैं. वकील का कहना है कि सीबीआई ने अपनी जांच सही तरिके से नहीं की है और आरोपी के सैंपल जल्दबाजी में लिए और ऐसा लग रहा था की एक कहानी तैयार की गई है, जिसमें अनिल को आरोपी बना कर गिरफ्तार किया गया है.
आरोपी के वकील की दलील
आरोपी के वकील ने कहा कि नीलू चरानी के सैंपल 11 अप्रैल, 2018 को लिए गए और बिना रिपोर्ट आए ही सीबीआई ने उसे गिरफ्तार कर लिया. सीबीआई का कहना है कि उसने चरानी को डीएनए टेस्ट के आधार पर गिरफ्तार किया है, जबकि उसका टेस्ट सही तरीके से नहीं लिया गया है. जज ने मामले की दलीलें सुनने के बाद अंतिम फैसला 28 अप्रैल तक सुरक्षित रख लिया है.
घटना की टाइमलाइन
- 4 जुलाई 2017- कोटखाई के हलाईला क्षेत्र से दसवीं की छात्रा गुड़िया लापता.
- 5 जुलाई- रिश्तेदारों ने बिटिया की तलाश शुरू की.
- 6 जुलाई- ऊपरी शिमला के जंगल में मिला शव, पुलिस ने की जांच आरंभ.
- 7 जुलाई- पोस्टमार्टम में दुष्कर्म की पुष्टि हुई.
- 10 जुलाई- जन आक्रोश को देखते हुए राज्य सरकार ने एसआइटी गठित की, आईजी जहूर जैदी को सौंपा जांच का जिम्मा.
- 11 जुलाई- चार युवकों को पूछताछ के लिए पकड़ा.
- 18 जुलाई- आधी रात को पुलिस हिरासत में एक कथित आरोपित की हत्या.
- 19 जुलाई- हाईकोर्ट ने सीबीआई को दी जांच.
- 22 जुलाई- सीबीआई ने दिल्ली में किए दो अलग-अलग मामले दर्ज.
- 29 अगस्त- आईजी सहित आठ पुलिसकर्मी गिरफ्तार.
- 16 नवंबर- पूर्व एसपी डीडब्लयू नेगी को सीबीआई ने किया गिरफ्तार.
- 25 नवंबर- सीबीआई ने की एसआईटी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल.
- 25 अप्रैल 2018- सीबीआई ने कोर्ट में फाइनल स्टेट्स रिपोर्ट पेश की.
- 5 अप्रैल 2019- आईजी जहूर जैदी को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत.
- 18 अप्रैल 2019- पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी को हाईकोर्ट से मिली जमानत.
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