रामपुर: पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह (Former cm Virbhadra Singh ) का पार्थिव शरीर रामपुर बुशहर (Rampur Bushhar) के जोबनी घाट में पंचतत्व में विलीन हो गया. पैतृक घर रामपुर बुशहर में राजा वीरभद्र सिंह का अंतिम संस्कार (funeral) किया गया. उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह ने उनकी पार्थिव देह को मुखाग्नि दी. पूरे पारंपरिक विधि-विधान के साथ राजा वीरभद्र सिंह का अंतिम संस्कार किया गया. पदम पैलेस से श्मशान घाट तक पूरे रास्ते में लोग मकान की छतों से पुष्पवर्षा करते देखे गए. यहां पर हजारों की संख्या में लोग इनके दर्शन के लिए पहुंचे थे.
वीरभद्र सिंह के शव तिरंगे से लिपटा था. राजकीय सम्मान के साथ पुलिस जवानों ने उन्हें सलामी दी. एक खास तरह के 'बमाण' में उनका शव पदम पैलेस से श्मशाम घाट लाया गया. शेरों के 12 मुखी इस 'बमाण' को बनाने में कारीगरों को दो दिन का वक्त लगा. बमाण पर खासतौर पर नक्काशी कर इसे सजाया गया. वीरभद्र सिंह का जोगणी श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया.
जननेता की मौत ने मानों पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया. वहीं, बात पक्ष की हो या विपक्ष की दोनों ही पार्टी के नेता वीरभद्र सिंह के पार्थिक शरीर को श्रद्धांजलि देने के लिए मौजूद रहें. पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह के अंतिम सफर में प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, वन मंत्री राकेश पठानीय, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज और कांग्रेस के सुधीर शर्मा, कौल सिंह ठाकुर, मोहन लाल बरागटा, राजेन्द्र राणा, मुकेश अग्निहोत्री, रोहित ठाकुर सभी दिग्गज नेता शामिल हुए. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा और पवन बंसल भी रामपुर पदम पैलेस पहुंचे और पूर्व सीएम को अंतिम श्रद्धांजलि भेंट की.