शिमला:हिमाचल में वनों के तहत राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 68.16 प्रतिशत हिस्सा है. प्रदेश के वन जैव विविधता से समृद्ध है और नाजुक हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इस बहुमूल्य प्राकृतिक संपदा का वैज्ञानिक प्रबंधन और संरक्षण करना सभी का दायित्व है. जंगल की आग पर्यावरण संतुलन के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करती है. आग की घटनाएं सरकार के लिए चिंता का एक प्रमुख कारण रही हैं.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार वन अग्नि की समस्या को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के लिए वन अग्नि प्रबंधन रणनीति में व्यापक पैमाने पर सुधार कर रही है. हालांकि, इस वर्ष बदले हुए मौसम की स्थिति के दृष्टिगत गर्मियां बहुत ज्यादा नहीं थीं, फिर भी महत्वपूर्ण वन अग्नि प्रबंधन को प्रभावी तरीके से लागू किया जा रहा है. इसके तहत अग्निशमन केंद्रों, विभिन्न विभागों के बीच समन्वय, वित्त पोषण, मानव संसाधन विकास, अग्नि अनुसंधान, अग्नि प्रबंधन और विस्तार कार्यक्रमों पर विशेष बल दिया जा रहा है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वन अग्नि को नियंत्रित करने के लिए संवेदनशील वनों को विभाजित करना बहुत अनिवार्य है. इसके तहत पंचायतों और स्थानीय समुदायों के साथ पारस्परिक समन्वय और जागरूकता अभियान शुरू करना महत्वपूर्ण है. जंगल की आग कुछ वन पारिस्थितिक तंत्रों के भीतर एक प्राकृतिक घटना है, लेकिन कुछ वर्षों में, आग अधिक विकराल और व्यापक रूप ले लेती है. स्थानीय लोगों, पंचायतों, स्कूली बच्चों के साथ बड़े पैमाने पर संपर्क कार्यक्रम और उन्हें जंगल की आग से वन संसाधनों, वन्य जीवन और पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करना भी आवश्यक है.