शिमला: राजधानी शिमला में अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों का फायर हाइड्रेंट की लोकेशन का पता लगाने के लिए अब समय खराब नहीं होगा. नगर निगम ने शहर में फायर हाईड्रेंट की मैपिंग का कार्य शुरू कर दिया है. शहर में आगजनी की दृष्टि से कई वार्ड संवेदनशील है और आग लगने पर न तो यहां अग्निशमन के वाहन पहुंच सकते हैं और न ही इन क्षेत्रों में फायर हाईड्रेंट लगे हैं और जहां है वहां पर भी अधिकतर हाईड्रेंट खराब पड़े हैं.
समाज सेवी संस्था डुअर्स इन दिनों शहर में फायर हाईड्रेंट की मैपिंग करने में लगा है. वीरवार को शिमला के बचत भवन में नगर निगम जल निगम और अग्निशमन विभाग के साथ कार्यशाला का आयोजन किया गया. संस्था ने इस इस दौरान शहर में फायर खराब पड़े हाईड्रेंफ़ट ठीक करने और वार्डो में नए हाईड्रेंट लगाने का सुझाव दिया.
530 फायर हाइड्रेंट की शिनाख्त हुई है
संस्था द्वारा शहर में किए गए मैट्रिक के दौरान 530 फायर हाइड्रेंट की शिनाख्त हुई है जिसमें से तकरीबन 20 फीसदी से भी ज्यादा हाइड्रेंट खराब पड़े हैं. शहर में अधिकतर फायर हाइड्रेंट अंग्रेजों के समय बने थे लेकिन सही रखरखाव न होने के चलते यह खराब हो गए हैं.
संस्था सदस्य नवनीत यादव का कहना है कि शहर के काफी क्षेत्र आगजनी की दृष्टि से काफी संवेदनशील है शहर के राम बाजार , कृष्णा नगर, रुलदू भट्टा संजौली इजनघर, समिट्री के साथ ही कच्ची घाटी के क्षेत्र में आग बुझाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है.
हाईड्रेंट की मैपिंग का कार्य किया जा रहा है