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Hydrogen Train: दिसंबर 2023 तक कालका-शिमला रूट पर दौड़ेगी देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन

भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन दिसंबर 2023 तक आएगी और भारत में ही डिजाइन और निर्मित की जाएगी. दिसंबर तक कालका-शिमला रूट पर हाइड्रोजन ट्रेन चलाने का लक्ष्य रखा गया है. (Hydrogen train india) (Hydrogen train will run on Kalka Shimla route) (Kalka Shimla route) (Kalka Shimla Railway)

Hydrogen train will run on Kalka Shimla route
Hydrogen train will run on Kalka Shimla route

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Published : Feb 3, 2023, 12:49 PM IST

Updated : Feb 3, 2023, 1:04 PM IST

शिमला: देश में बहुत जल्द हाइड्रोजन ट्रेन पटरियों पर दौड़ने वाली है. केंद्र सरकार के मुताबिक इस साल के आखिर तक देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन पटरियों पर दौड़ने लगेगी. खास बात ये है कि ये ट्रेन पूर्ण रूप से स्वदेशी होगी यानी इस ट्रेन का डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग भारत में ही होगी. इस बार के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री ने ग्रीन ग्रोथ थीम का जिक्र किया था, ये हाइड्रोजन ट्रेन उसी ग्रीन ग्रोथ का हिस्सा है.

रेल मंत्री ने क्या कहा-1 फरवरी को बजट पेश होने के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाइड्रोजन ट्रेन के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन दिसंबर 2023 तक चलने लगेगी. खास बात ये है कि सबसे पहले ये ट्रेन हैरिटेज सर्किट में चलाई जाएगी. इसके बाद इस ट्रेन का पूरे देश में विस्तार किया जाएगा.

कालका-शिमला रूट पर चलेगी हाइड्रोजन ट्रेन: जिस हैरिटेज सर्किट की बात रेल मंत्री ने की उसमें कालका-शिमला रूट भी आता है जो यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज साइट में शुमार है. रेल मंत्री ने कहा कि विश्व धरोहर कालका-शिमला रेलवे खंड पर हाइड्रोजन ट्रेन चलाने के लिए कालका, शिमला और बड़ोग स्टेशनों को हाइड्रोजन ईंधन स्टेशन के तौर पर विकसित किया जाएगा. रेलमंत्री ने बताया कि इस बार का बजट हरित विकास पर केंद्रित है, इसलिये रेलवे को भी इस ओर जरूरी कदम उठाने होंगे. उन्होंने बताया कि हाइड्रोजन ट्रेन दिसंबर 2023 तक आएगी और भारत में डिजाइन और निर्मित की जाएगी. सबसे पहले, यह कालका-शिमला जैसे हेरिटेज सर्किट पर चलेगी और बाद में इसका अन्य स्थानों पर विस्तार किया जाएगा.

वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल है कालका शिमला रेलवे मार्ग

कालका-शिमला रेल मार्ग: बता दें नैरो गेज की ये रेल लाइन पहाड़ों की रानी शिमला आने वाले पर्यटकों को अलग ही रोमांच देती है. यह रेल मार्ग यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल है. कालका-शिमला रेलवे मार्ग 120 साल पुराना है. 9 नवंबर 1903 को कालका- शिमला रेल मार्ग की शुरूआत हुई थी. यह रेलमार्ग उत्तर रेलवे के अंबाला डिवीजन के अंतर्गत आता है. 1896 में इस रेल मार्ग का निर्माण कार्य शुरू हुआ था. 96 किमी. लंबे इस रेलमार्ग पर कुल 18 स्टेशन है. कालका स्टेशन हरियाणा में है जिसके बाद ये ट्रेन हिमाचल में प्रवेश करती है. कालका-शिमला रेल लाइन पर ट्रेन 103 सुरंगों से होकर गुजरती है, जो इस सफर को काफी रोमांचक बना देती हैं. बड़ोग रेलवे स्टेशन पर 33 नंबर बड़ोग सुरंग सबसे लंबी है जिसकी लंबाई 1143.61 मीटर है. कालका-शिमला रेलमार्ग को नैरोगेज लाइन कहते हैं. इसमें पटरी की चौड़ाई दो फीट छह इंच है.

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Last Updated : Feb 3, 2023, 1:04 PM IST

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