शिमला:गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामलेमें शुक्रवार, 18 जून को सीबीआई की ओर से जुटाए गए सबूतों के आधार पर स्पेशल कोर्ट ने नीलू को भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)1, 376ए,302 और पॉक्सो अधिनियिम की धारा 4 के तहत दोषी करार दिया है और दोषी नीलू को उम्र कैद की सजा सुनाई है. साथ ही दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. इस मामले में चरानी अनिल उर्फ नीलू को शिमला की विशेष अदालत ने 28 अप्रैल को दोषी करार दिया था.
नीलू ने सीबीआई पर लगाया ये आरोप
इस बहुचर्चित अपराध के कारण उस समय कांग्रेस को सत्ता से हाथ धोना पड़ा था और विपक्ष ने चुनावों में कानून व्यवस्था का मुद्दा जोरों से उठाया था. हालांकि अदालत के फैसले के बाद दोषी नीलू ने खुद को बेगुनाह बताया. पत्रकारों द्वारा पूछने पर दोषी ने कहा कि वह बेगुनाह है और सीबीआई ने जानबूझ कर उसे फंसाया है.
वारदात को अंजाम देने के बाद नीलू हो गया था फरार
सीबीआई ने जांच के दौरान सैकड़ों लोगों के खून के नमूने लिए थे और उनका मिलान मौके पर मिले नमूनों से किए थे, लेकिन सीबीआई के हाथ कुछ नहीं लग रहा था. इस बीच सीबीआई को नीलू के बारे में जानकारी मिली तो सीबीआई ने उस पर अपनी जांच केंद्रित की. मौके पर मिले खून के नमूनों का मिलान नीलू के परिवार वालों से किया गया. इन नमूनों का मिलान होने के बाद सीबीआई नीलू के पीछे पड़ गई. वारदात को अंजाम देने के बाद नीलू फरार हो गया था.
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