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झंझीडी बस हादसा: कमेटी ने सील्ड कवर में HC को सौंपी रिपोर्ट, इस दिन होगी सुनवाई

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Published : Jul 17, 2019, 7:10 PM IST

झंझीडी बस हादसे के लिए गठित कमेटी ने बुधवार को अपनी अंतरिम जांच रिपोर्ट सील्ड कवर में हाई कोर्ट को सौंप दी है. कमेटी सदस्य सतीश सागर की ओर से कोर्ट को ये रिपोर्ट सौंपी गई है. बता दें कि 1 जुलाई 2019 को खलिनी के साथ झंझीडी नामक स्थान पर एचआरटीसी की स्कूल बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें 2 स्कूली बच्चियों सहित ड्राइवर की मौत हो गई थी.

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शिमला: झंझीडी में हुए बस हादसे की जांच के लिए हाईकोर्ट के आदेशानुसार गठित कमेटी ने बुधवार को अपनी अंतरिम जांच रिपोर्ट सील्ड कवर में कोर्ट को सौंपी. मामले के दौरान कमेटी सदस्य सतीश सागर की ओर से कोर्ट को ये रिपोर्ट सौंपी गई.

मामला न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए लगा था. खण्डपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ ने इस मामले में विस्तृत आदेश पारित किए हैं, जिसके लिए इस मामले को उसी खण्डपीठ के समक्ष लाया जाना उचित होगा.

ज्ञात रहे कि शिमला के झंझीडी में हुए बस हादसे की जांच व ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सुझाव हेतू तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. कोर्ट ने कमेटी से दुर्घटना के कारणों का पता लगाने का आग्रह भी किया था. कोर्ट द्वारा गठित कमेटी में काउंसिल ऑफ इंडियन रोड कांग्रेस के सदस्य जसवंत सिंह, हिमाचल पथ परिवहन निगम से सेवानिवृत्त मुख्य महाप्रबंधक राजीव गुप्ता व लोक निर्माण विभाग से सेवानिवृत्त प्रमुख अभियंता सतीश सागर को सदस्य नियुक्त किया गया है.

मुख्य न्यायाधीश वी राम सुब्रमण्यनव और न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान उपरोक्त आदेश पारित किए थे. कोर्ट के आदेशानुसार, कमेटी को दो सप्ताह के भीतर अंतरिम रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करनी थी.

बता दें कि 1 जुलाई 2019 को खलिनी के साथ झंझीडी नामक स्थान पर एचआरटीसी की स्कूल बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें 2 स्कूली बच्चियों सहित ड्राइवर की मौत हो गई थी. कोर्ट ने ये भी बताने को कहा था कि क्या ये हादसा अवैध पार्किंग से हुआ या रेलिंग व डंगा न होने के कारण हुआ.

कोर्ट ने कमेटी से आग्रह किया था कि कमेटी के सदस्य कोर्ट को बताएं कि सड़क और यातायात व्यवस्था को लेकर क्या संभावित कदम उठाए जा सकते हैं ताकि भविष्य में ऐसी अनहोनी न हो. बता दें कि मामले पर सुनवाई 24 जुलाई को होगी.

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