रामपुर: हिमाचली नाटी देशभर में प्रसिद्ध है. पहाड़ियों को नाटियों पर थिरकते तो हर किसी ने देखा होगा, लेकिन देवभूमि के देवी-देवता भी खास अवसरों पर नाटी डालते हैं.
रामपुर के ऐतिहासिक फाग मेले के अंतिम दिन रामपुर सभी देवी-देवता नाटी पर थिरकते हैं. मेले में ईष्ट देवताओं के लिए श्रद्धालू नाटी गाते हैं और देवलू देवी-देवताओं को नृत्य करवाते हैं. सोमवार को रामपुर में ये नजारा देखने हजारों की संख्या में लोग पहुंचे.
सोमवार को फाग मेले का समापन (वीडियो). 21से 25 मार्च तक चले फाग मेले का सोमवार को समापन हो गया. इस मौके पर सभी देवी-देवताओं को पदम पैलेस से बहार लाया गया. इसके बाद पुराने बस स्टेंड के पास देवताओं ने एक साथ मिलकर नाटी लगाई, जिसमें पांच देवता वाद्ययंत्रों की धूनों पर खुब झूमते हुए नजर आए. इस दौरान देवताओं के साथ सैकड़ों की संख्या में लोग भी खुब झूमते हुए नजर आए.
बता दें कि चार दिवसीय फाग मेले में इस बार 15 देवी-देवताओं ने भाग लिया. मेले के समापन पर सभी देवी-देवता अपने-अपने गांव लौट चुके हैं. हर किसी को अंतिम दिन होने वाली देवी-देवताओं की नाटी का इंतजार रहता है.
नाटी के दौरान देवता महारूद्र काजल गसो, दत्तमहाराज बसारा, देवता दमुख डंसा, देवता साहीब छीजा कलेश्वर देवठी, देवता साहीब जाख रचोली, देवता साहेब छोटू कीम इस मेले में नाचते हुए नजर आए.माना जाता है कि यदि देवी-देवता मेले से खुश होकर लौटते हैं, तो पूरा साल क्षेत्र के लिए अच्छा रहता है. खेतों में अच्छी पैदावार होती है, क्षेत्र में महामारी का कोई डर नहीं रहता.