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बिहार में चमकी बुखार का कहर जारी, 24 घंटों में 20 बच्चों की मौत, 126 पहुंचा आंकड़ा

बिहार के मुजफ्फरपुर के अलावा सीतामढ़ी में दो, समस्तीपुर में तीन और वैशाली में अब तक 5 बच्चों ने जान गवाई है. इनको लेकर 126 बच्चों की जान अब तक जा चुकी है.

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Published : Jun 17, 2019, 12:43 PM IST

childrens death Due to chamki fever in Bihar

शिमला/मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर व इसके आसपास के जिलों में महामारी का रूप ले चुके चमकी बुखार से बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है. रविवार सुबह से देर रात तक चमकी बुखार से 16 वें दिन 15 बच्चों की जान चली गई.

इनमें से 12 बच्चों की मौत एसकेएमसीएच व तीन बच्चों की मौत केजरीवाल अस्पताल में हुई. अब तक चमकी बुखार से 334 मामले सामने आ चुके हैं, इनमें से 126 बच्चों की मौत हुई है. मुजफ्फरपुर के अलावा सीतामढ़ी में दो, समस्तीपुर में तीन और वैशाली में अब तक 5 बच्चों ने जान गवाई है. इनको लेकर 126 बच्चों की जान अब तक जा चुकी है. हालांकि सरकारी आंकड़ों में ये संख्या 116 है.

बिहार में चमकी बुखार कहर.

बता दें कि रविवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी मुजफ्फरपुर पहुंचे थे. उनके सामने ही तीन बच्चों ने दम तोड़ दिया. बच्चों के मरने का सिलसिला लगातार जारी है. पिछले 24 घंटों की बात करें तो इस बीच 20 बच्चों की इस बीमारी से मौत हुई है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन.

मौत का कारण है हाईपोग्लाइसीमिया
मुजफ्फरपुर और इसके आस-पास के इलाकों में भयंकर गर्मी और उमस की वजह से बच्चे एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी कि चमकी बुखार का तेजी से शिकार हो रहे हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि अधिकतर मौत का कारण हाईपोग्लाइसीमिया है, यानी लो ब्लड शुगर. वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि हाईपोग्लाइसीमिया इस बुखार का ही एक प्रकार है.

बिहार में चमकी बुखार से पिछले 24 घंटे में 20 बच्चों की मौत.

जानिए क्या हैं इसके लक्षण:

  • एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है.
  • अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है.
  • इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं.
  • गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है.
  • तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं.
  • साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना.
  • अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.
  • चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी देखी जा रही है.

जानिए क्या हैं इसके उपचार:

  • पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें.
  • बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें.
  • रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें.
  • बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.

इन बातों का रखें ध्यान:

  • बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें.
  • मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
  • तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें.
  • बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे.
  • अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.
  • पीएचसी, आशा सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी.
  • चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है.
  • ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं.

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