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Himachal Election 2022: शिमला की 4 सीटों पर BJP ने उतार नए चेहरे, कांग्रेस ने दो पर खेला दांव

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Published : Oct 24, 2022, 5:19 PM IST

शिमला जिले में इस बार चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है. क्योंकि भाजपा-कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने यहां से नए चेहरों को मैदान में उतारा है. जिले की कुल आठ विधानसभा सीटों में चार सीटों पर भाजपा ने बिल्कुल नए चेहरे दिए हैं. वहीं, कांग्रेस ने दो नए चेहरों पर दांव खेला है. ऐसे में इस बार का मुकाबला काफी दिलचस्प होगा. पढे़ं पूरी खबर...

Himachal assembly election 2022
Himachal assembly election 2022

शिमला:हिमाचल में विधानसभा चुनावों के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. लेकिन इस बार भाजपा ने एक नया दांव खेला है और पुराने राजनीतिक खिलाड़ियों की जगह नए चेहरों को मैदान में उतारा है. शिमला जिले में भी भाजपा ने यह बड़ा दांव खेला है. जिले की कुल आठ विधानसभा सीटों में चार सीटों पर भाजपा ने बिल्कुल नए चेहरे दिए हैं. वहीं, कांग्रेस ने दो नए चेहरों को टिकट दिया है. इसलिए अबकी बार राजनीतिक जंग बड़ी दिलचस्प होने वाली है.

हिमाचल में राजनीतिक लिहाज से कांगड़ा, मंडी के बाद तीसरा बड़ा जिला शिमला है. इन जिलों की किसी भी राजनीतिक पार्टी को सता में पहुंचाने में बड़ी भूमिका रहती. शिमला जिले के राजनीतिक महत्व को सभी राजनीतिक पार्टियां जानती हैं, ऐसे में यहां पार्टियां सोच समझ कर ही अपने प्रत्याशियों का ऐलान करती आई हैं. हिमाचल की सतासीन भाजपा ने शिमला जिले में नए चेहरों पर बड़ा दांव खेला. भाजपा ने जिले की पचास फीसदी सीटों पर नए चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा है. (Himachal assembly election 2022).

शिमला शहर में BJP ने चायवाले पर जताया भरोसे, जनारथा से होगी टक्कर: शिमला शहरी सीट पर इस बार भाजपा ने संजय सूद को चुनावी मैदान में उतारा है. हालांकि संजय सूद पार्टी के कोषाध्यक्ष हैं, लेकिन विधानसभा का चुनाव उनके लिए नया है. इसके विपरीत कांग्रेस ने इस सीट पर दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके पूर्व डिप्टी मेयर हरीश जनारथा को टिकट दिया है. जनारथा इस सीट पर एक बार पार्टी चिन्ह पर, तो एक बार निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं. वहीं, माकपा ने भी इस बार यहां से नए चेहरे पर अपना दांव खेला है. CPIM ने यहां से टिकेंद्र पंवर को मैदान में उतारा है. हालांकि टिकेंद्र शिमला के डिप्टी मेयर जरूर रहे हैं, लेकिन विधानसभा का उनका यह पहला चुनाव है. (BJP Candidate from Shimla Urban seat) (Congress Candidate from Shimla Urban seat).

शिमला शहर में BJP ने चायवाले पर जताया भरोसे, जनारथा से होगी टक्कर.

रामपुर में तीन बार के विधायक नंदलाल के खिलाफ भी नया चेहरा:भाजपा ने रामपुर विधानसभा सीट पर इस बार नए उम्मीदवार कौल नेगी पर दांव खेला है. रामपुर सीट पंपरागत तौर पर कांग्रेस की गढ़ रही है. मौजूदा समय में यहां से नंदलाल कांग्रेस के विधायक हैं. वे तीन बार यहां से चुनाव जीत चुके हैं. पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह का गृह क्षेत्र होने के नाते यहां से पहले भी कांग्रेस जीतती रही है. हालांकि इस बार परिस्थितयां अलग हैं. अबकी बार कांग्रेस स्व. वीरभद्र सिंह के बिना चुनाव लड़ रही है. भाजपा प्रत्याशी कौल नेगी विद्यार्थी परिषद का हिस्सा रहे हैं और इस बार उनको विधानसभा चुनावों में उतार कर BJP ने नया दांव खेला है. (Congress Candidate from Rampur seat) (BJP Candidate from Rampur seat).

रामपुर में तीन बार के विधायक नंदलाल के खिलाफ भी नया चेहरा.

शिमला ग्रामीण सीट पर BJP को नए चेहरे से उम्मीद: शिमला शहर के साथ लगती शिमला ग्रामीण सीट पर भी इस बार भाजपा ने नए उम्मदवार को चुनावी रण में उतारा है. यहां से भाजपा के जिला अध्यक्ष रवि मैहता को टिकट दिया गया है. यह क्षेत्र 2007 के बाद किए गए परिसीमन से आस्तिव में आया है. परिसीमन के बाद यहां दो बार चुनाव हुए हैं और दोनों बार यहां से कांग्रेस को जीत मिली है. 2012 में स्व. पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने यहां से चुनाव जीता था. इसके बाद 2017 में स्व. वीरभद्र सिंह के बेटे ने यहां से चुनाव लड़ा और वे विधायक बने. इस तरह विक्रमादित्य सिंह को चुनौती देने के लिए भाजपा ने यहां नए चेहरे के रूप में रवि मैहता को चुनावी दंगल में उतारा है. हालांकि रवि मैहता मौजूदा समय में भाजपा के जिलाध्यक्ष के पद पर थे, लेकिन विधानसभा चुनाव उनके लिए नया है. (Congress Candidate from Shimal Rural seat) (BJP Candidate from Shimal Rural seat).

शिमला ग्रामीण सीट पर BJP को नए चेहरे से उम्मीद.

ठियोग में दोनों पार्टियां नए चेहरों के भरोसे: ठियोग विधानसभा सीट पर इस बार दोनों पार्टियों ने नए उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे हैं. भाजपा ने यहां से अजय श्याम को टिकट दिया है, जो कि पार्टी के महासू जिलाध्यक्ष हैं. वहीं कांग्रेस ने यहां से कुलदीप सिंह राठौर को मैदान में उतारा है. हालांकि कुलदीप राठौर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भी रह चुके हैं, लेकिन यह उनका पहला विधानसभा चुनाव होगा. वहीं, सीपीआई (एम) ने राकेश सिंघा पर अपना भरोसा कायम रखा है, जो पिछले चुनावों में यहां से जीतकर विधायक बने थे. राकेश सिंघा इससे पहले 1993 में शिमला शहर से विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं. इस तरह दो बार के विधायक के खिलाफ भाजपा और कांग्रेस ने नए उम्मीदवारों का दांव खेला है. (BJP Candidate from Theog seat) (Congress Candidate from Theog seat).

ठियोग में दोनों पार्टियां नए चेहरों के भरोसे,

चेतन भाजपा के टिकट पर नए उम्मीदवार: इसी तरह जुब्बल-कोटखाई सीट से भाजपा ने चेतन बरागटा को पहली बार अपना उम्मीदवार बनाया है. यह बात अलग है कि बीते साल हुए उपचुनाव में वह निर्दलीयी चुनाव लड़ चुके हैं. वह पूर्व मंत्री स्व. नरेंद्र बरागटा के बेटे हैं. उपचुनाव में उनको पार्टी ने टिकट नहीं दिया था, जिसके चलते उन्होंने बगावत कर दी थी. चेतन का मुकबला यहां से तीसरी बार विधायक चुने गए रोहित ठाकुर से है.

चेतन भाजपा के टिकट पर नए उम्मीदवार.

रोहड़ू में दूसरी बार लड़ रही शशि बाला का दो बार के विधायक से मुकाबला:रोहड़ू सीट से भाजपा ने पुराने चेहरे पर ही दांव खेला है. शशिबाला को इस बार भी यहां से टिकट दिया गया है. इससे पहले वह 2017 का विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं. यहां से कांग्रेस के मोहन लाल ब्राक्टा लगातार दो बार चुनाव जीत चुके हैं. यह क्षेत्र भी स्व. पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के राजपरिवार की रियासत का हिस्सा रहा है.

रोहड़ू में दूसरी बार लड़ रही शशि बाला का दो बार के विधायक से मुकाबला.

चौपाल में भाजपा के मौजूदा विधायक उम्मीदवार, कांग्रेस का नया चेहरा:चौपाल विधानसभा क्षेत्र में इस बार भी भाजपा ने मौजूदा विधायक पर ही दांव खेला है. विधायक बलबीर वर्मा को भाजपा की ओर से टिकट दिया गया है. वहीं, कांग्रेस ने इस बार यहां से नए चेहरे को टिकट दिया है. कांग्रेस ने पार्टी के संगठन महासचिव रजनीश किमटा को दो बार के विधायक के खिलाफ चुनावी दंगल में उतारा है. बलबीर वर्मा दो बार यहां से विधायक चुने जा चुके हैं. वह पहली बार 2012 में यहां से निर्दलीय चुने गए थे, हालांकि बाद में उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली थी. वहीं, 2017 में भी उन्होंने यहां से भाजपा की टिकट पर चुनाव जीता था.

चौपाल में भाजपा के मौजूदा विधायक उम्मीदवार, कांग्रेस का नया चेहरा.

कसुम्पटी में भाजपा के उम्मीदार मंत्री, लेकिन क्षेत्र नया:शिमला शहर के साथ लगते कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र में इस बार दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है. भाजपा ने यहां से सुरेश भारद्वाज को चुनावी मैदान में उतारा है. सुरेश भारद्वाज शहरी विकास मंत्री हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेता भी. वे शिमला शहरी सीट से चुनाव लड़ते आए हैं, लेकिन इस बार उन्हें कसुम्पटी से चुनावी मैदान में उतारा गया है. यहां मौजूदा समय में कांग्रेस के अनिरुद्ध सिंह से सुरेश भारद्वाज का मुकाबला है. अनिरुद्ध सिंह दो बार यहां से जीत चुके हैं और अब तीसरी बार वे चुनावी मैदान में हैं. इनके साथ ही यहां से माकपा ने कुलदीप तंवर को भी चुनावी मैदान में उतारा है. इस तरह यहां पर मुकाबला काफी रोचक होने की संभावना है.

कसुम्पटी में भाजपा के उम्मीदार मंत्री, लेकिन क्षेत्र नया.

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