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भटकर शिमला पहुंचे लाला राम का 'वनवास' हुआ खत्म, 14 साल बाद परिवार से मिला

2006 में लाला राम निवासी आगरा (उत्तर प्रदेश) भटकता हुआ शिमला पहुंच गया था. यहां पर 50 किमी दूर सुन्नी के तत्तापानी में स्थानीय निवासी भूपेंद्र ने उसे रेस्क्यू कर पुलिस की मदद से उसे उसके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया है. लाला राम के परिजनों ने उसे पांच साल तक दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा पंजाब तक में उसकी तलाश की, लेकिन वह हिमाचल नहीं आए. लाला राम पिछले 14 साल से यही रह रहा था.

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Published : Jun 20, 2021, 3:22 PM IST

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शिमला:करीब14 साल से लापता लाला राम अब अपने परिवार से मिल गया है. उसके परिवार वाले उसके इंतजार में दिल्ली तक भटक रहे थे लेकिन वह शिमला नहीं आए जहां लाला राम भटक रहा था. दरअसल, 2006 लाला राम भटकता हुआ शिमला पहुंच गया था. यहां पर 50 किमी दूर सुन्नी के तत्तापानी में स्थानीय निवासी भूपेंद्र ने उसे रेस्क्यू किया था.

मीडिया की मदद से हुई घर वापसी

मीडिया के जरिये हरियाणा के पचंकूला की स्टेट क्राइम ब्रांच के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल (anti human trafficking cell) को जानकारी मिली थी. फिर एएसआई राजेश कुमार को जब इस बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने भूपेंद्र से सपंर्क किया और उससे लाला राम के बारे में जानकारी मिली. लाला राम ने भूपेंद्र को बताया कि वह यूपी के आगरा के किसी गांव का रहने वाला है.

14 साल से बिछड़े परिवार को ढूंढ निकाला

बाद में राजेश की टीम ने आगरा में लाला राम के 14 साल से बिछड़े परिवार को ढूंढ निकाला. लाला के परिजनों ने उसे पांच साल तक दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा पंजाब तक में उसकी तलाश की, लेकिन वह हिमाचल नहीं आए. क्योंकि लगा कि वह इतने दूर नहीं आएगा. लेकिन एएसआई राजेश ने परिवारवालों को फोटो भेजे तो उसकी पहचान पुख्ता हो गई. लाला राम की पत्नी ने पति के मिलने की खुशी जताते हुए मीडिया और हरियाणा पुलिस का आभार व्यक्त किया है.

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भूपेंद्र कई लापता लोगों को पहुंचा चुके हैं घर

सुन्नी तत्तापानी के रहने वाले भूपेंद्र सिंह का कहना है कि लाला राम जब उन्हें मिला तो उसकी हालात काफी खराब थी. वह काफी दिनों से भूखा था और उसके बाल भी काफी लंबे लंबे थे. भूपेंद्र ने लाला को अपने साथ ही अपने घर पर रखा और साथ ही पैसे कमाने के लिए उसे छोटा-मोटा काम उसे देते रहते थे, ताकि वह पैसे भी कमा ले. हालांकि, लाला राम ने कभी पैसे नहीं लिए, केवल रोटी देने के लिए ही कहता था.

वहीं, एएसआई राजेश कुमार का कहना है कि वह इससे पहले भी हिमाचल से कई लापता लोगों को घर पहुंचा चुके हैं. वह लगातार प्रयास करते हैं कि बिछड़े हुए लोग अपने परिवार से मिल सकें.

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