शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 56,684 करोड़ रुपये का बजट पारित किया गया. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस बारे में सदन में हिमाचल प्रदेश विनियोग विधेयक 2023 पेश किया, जिसे सदन ने दोपहर बाद 3.30 बजे ध्वनिमत से पारित कर दिया. विनियोग विधेयक पारित होने के साथ सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार राज्य की संचित निधि से वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 56,683.69 करोड़ से अधिक की राशि खर्च कर सकेगी.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बीते 17 मार्च को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया था. सीएम द्वारा पेश किए गए इस बजट पर 20 से 23 मार्च तक सदन में चर्चा की गई. सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने इस पर विस्तार से चर्चा की. इसके बाद 27 मार्च से बुधवार तक जलशक्ति, पीडब्लयूडी, शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग की मांगों को लेकर विपक्ष द्वारा लाए गए कटौती प्रस्तावों पर चर्चा हुई. इस चर्चा के बाद बुधवार को सदन ने सभी कटौती प्रस्तावों को ध्वनिमत से नामंजूर किया गया.
विधानसभा द्वारा पारित आगामी वित्त वर्ष के बजट में प्रदेश का राजस्व घाटा 4704 करोड़ रहेगा. इसके अतिरिक्त 9900 करोड़ का राजकोषीय घाटा अनुमानित है. राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.61 फीसदी है. इस बजट में राज्य के सरकारी क्षेत्र में अगले एक साल में 30 हजार मिलेगा. यही नहीं सरकार ने निजी क्षेत्र में भी रोजगार सृजन पर फोकस किया है. राज्य में नए निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा.
राज्य सरकार निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट की स्थापना करेगी. उद्योग लगाने के लिए सभी एनओसी ब्यूरो ही उपलब्ध करवाएगा. यही नहीं सरकार धारा 118 की प्रक्रिया को भी आसान बनाएगी. सरकार का मानना है कि इससे राज्य में निजी निवेश बढ़ेगा और जिससे ज्यादा से ज्यादा रोजगार निजी क्षेत्र में पैदा होगा. करीब 90 हजार नए रोजगार के सृजन का निजी क्षेत्र में सृजन करने का सरकार ने अनुमान लगाया है.